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दोस्तो, पहली अगस्त को पाकिस्तान की यात्रा कर रहे अमेरिकी विदेश मंत्री केरी ने इस्लामाबाद में अलग-अलत तौर पर पाकिस्तान के प्रधान मंत्री नवाज शरीफ़ और राष्ट्रीय सुरक्षा एवं वैदेशिक मामलों के सलाहकार अज़ीज से भेंटवार्ताएं कीं। इसके बाद आयोजित एक संयुक्त संवाददाता-सम्मेलन में केरी ने घोषणा की कि अमेरिका और पाकिस्तान के बीच विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को बढाने के लिए रणनीतिक वार्ता को पुनःशुरू किया जाएगा। उधर अज़ीज ने फिर एक बार यह मांग दोहरायी कि अमेरिका पाकिस्तान के कबाइली इलाकों पर अपने ड्रोन हमले को बन्द करे।
केरी और शरीफ़ के बीच वार्ता आतंकविरोधी सहयोग, ड्रोन हमले, अफगान परिस्थिति एवं पाकिस्तान के आर्थिक पुनरुथान जैसे अमेरिका-पाक संबंधों से जड़े प्रमुख मुद्दों पर केंद्रीत रही। अमेरिका और पाकिस्तान इस पर सहमत हैं कि द्विपक्षीय सर्वतोमुखी साझेदारी को फिर से कायम किया जाएगा। केरी ने शरीफ को अमेरिका की यात्रा करने और राष्ट्रपति बराक ओबामा से मिलने का आमंत्रण भी दिया। अजीज़ के साथ संयुक्त रूप से आयोजित संवाददाता सम्मेलन में केरी ने कहा कि दोनों देशों के बीच मंत्री स्तर पर रणनीतिक वार्ता जल्द ही की जाएगी। उन्हें उम्मीद है कि इससे दोनों देशों के बीच संबंधों में बड़ी तरक्की होगी। केरी ने कहाः
`मैं बड़ी प्रसन्नता से घोषणा कर रहा हूं कि हम रणनीतिक वार्ता की पुनः शुरुआती पर सहमत हैं, ताकि अमेरिका और पाकिस्तान के बीच और अधिक गहन, व्यापक और चतुर्मुखी साझेदारी हो सके। वार्ता व्यावहारिक तरीके से पुनः शुरू की जाएगी और इसके जरिए दोनों देशों के बीच मौजूद बहुत सी कुंजीभूत समस्याओं का समाधान किया जाएगा।`
पाक-अमेरिकी रणनीतिक वार्ता नवम्बर 2011 में अवरोध में पड़ गई। इसका कारण है कि अमेरिकी युद्धक विमान ने पाकिस्तान के एक सैन्य ठिकाने पर हमला कर 24 पाक सैनिकों को मार डाला । वर्तमान काल में अमेरिका-पाक संबध नीचे स्तर पर है। ऐसा इसलिए च्योंकि अमेरिकी ड्रोन हमलों में बहुत से आम लोगों की जानें भी चली गई हैं और इससे पाक जनता बेहद नाराज है। नवाज शरीफ़ ने दुबारा प्रधान मंत्री बनने के बाद अनेक मौकों पर आशा व्यक्त की कि इस्लामाबाद और वाशिंगटन के बीच संबंध मजबूत होंगे, बशर्तेकि अमेरिका पाकिस्तान के कबाइली क्षेत्रों पर अपने ड्रोन हमले बन्द करे।
संवाददाता-सम्मेलन में अजीज ने फिर एक बार अमेरिका से ड्रोम हमला करने की उस की हरकत को बन्द करने की मांग की। इस पर केरी ने कहाः
`मैं जानता हूं कि ड्रोन हमले से संप्रभुत्ता का सवाल उठता है, लेकिन मैं यहां संक्षेप में हमारे मित्रों को याद दिलाना चाहता हूं कि अल-कायदा के सरगना जवाहरी समेत आतंकवादी या चरमपंथी तत्व भी इस देश( पाकिस्तान) की प्रभुसत्ता का अतिक्रमण कर रहे हैं। जब वे मस्जिदों में नमाज पढ़ने वाले लोगों पर हमला का रहे हैं या गांवों और बाजारों में विस्फोट कर रहे हैं, तो इस का मतलब यह है कि वे पाकिस्तान की प्रभुसत्ता का अतिक्रण कर रहे हैं।`
अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के बारे में केरी ने बलपूर्वक कहा कि तमाम अमेरिकी सैनिक वहां से हटेंगे, ऐसा नहीं है। सिर्फ उन की संख्या में कटौती होगी। केरी के शब्द
`अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की संख्या धीरे-धीरे कम होगी, मतलब कि अमेरिकी सैनिक आंशिक रूप से अफगानिस्तान से हट जाएंगे, न कि पूरी तरह से। राष्ट्रपति बराक ओबामा अफगानिस्तान में बने रहने वाले अमेरिकी सैनिकों की वह तादात जल्द ही घोषित करेंगे, जिस का दावा अमेरिका ने किया है। दूसरे देश इस तरह की अपने दावों की संख्याएं सार्वजनिक कर चुके हैं। अफगानिस्तान में आगे भी तैनात होने वाले सैन्य दस्तों के दो मुख्य कार्य हैं।एक है आतंकविरोधी अभियान चलाना और दूसरा है अफगान सुरक्षा बलों को प्रशिक्षण देना।`
केरी ने विश्वास जताया कि अमेरिका अफगानिस्तान के साथ अफगानिस्तान में बने रहने वाले अमेरिकी सैनिकों की संख्या पर एकमतता प्राप्त करेगा। अज़ीज ने कहा कि पाकिस्तान अमेरिका को अफगानिस्तान से उस की सेना की वापसी में सहायता देगा और अफगानिस्तान की अगुवाई वाली शांति-प्रक्रिया का समर्थन करेगा। केरी ने उम्मीद प्रकट की कि अफगान तालिबान वार्ता की मेज पर फिर से बैठेगा और अफगान मुद्दे के राजनीतिक समाधान के लिए कोशिश करेगा। केरी ने कहाः
`हम वार्ता करना चाहते हैं। क्योंकि सब लोग जानते हैं कि किसी भी समस्या के समाधान के लिए राजनीतिक तरीका अनंत युद्ध से बेहतर है।`
गौर हो कि केरी अनेक बार पाकिस्तान आए हैं, लेकिन विदेश मंत्री के रूप में उन की यह पहली पाक यात्रा है। इसके साथ केरी 2011 के बाद पाकिस्तान आए प्रथम अमेरिकी विदेश मंत्री होने के साथ-साथ गत मई माह में नवाज शरीफ के पुनः प्रधान मंत्री बनने के बाद पाकिस्तान की यात्रा पर आए अमेरिका सरकार के सब से वरिष्ठ अधिकारी भी हैं। सूत्रों के अनुसार वो पाकिस्तान के विवर्तमान राष्ट्रपति जरदारी, जिनका कार्यकाल पूरा होने वाला है और सेनाध्यक्ष गियानी से भी वार्ताएं करेंगे।