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चीन-भारत सीमा वार्ता पेइचिंग में शुरू
2013-06-28 16:55:28

चीन-भारत सीमा मसले पर विशेष प्रतिनिधियों की 16वीं वार्ता 28 जून को पेइचिंग में आयोजित हुई। यह चीन में नए नेताऔं द्वारा पद संभालने के बाद चीन-भारत सीमा मुद्दे पर पहली औपचारिक वार्ता है।

भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिव शंकर मेनन ने कहाः

"मैं बहुत खुश हूं कि मैं फिर एक बार पेइचिंग आकर सीमा मसले पर वार्ता में भाग ले रहा हूं। इस बार की वार्ता भारत-चीन संबंधों के विकास की बेहतर स्थिति में आयोजित हो रही है। भारत-चीन संबंध बढ़ने के रणनीतिक दौरे पर गुजर रहे हैं।"

28 जून की सुबह चीन-भारत सीमा मुद्दे के विशेष प्रतिनिधियों की 16वीं वार्ता पेइचिंग में शुरू हुई। भारत के विशेष प्रतिनिधि, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिव शंकर मेनन ने यह आशा जताई। चीन के प्रतिनिधि, स्टेट कौंसुलर यांग चे छी ने भी चीन-भारत संबंधों के विकास की प्रशंसा की और आशा जताई कि वर्तमान वार्ता में प्रगति होगी। यांग चे छी ने कहा।

"मार्च में चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग और भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने ब्रिक्स देशों के शिखर सम्मेलन के दौरान अहम मुलाकात की थी। कुछ समय पूर्व चीनी प्रधानमंत्री ली खछ्यांग ने भारत की यात्रा की। विश्वास है कि उक्त कार्यक्रम के जरिए चीन-भारत संबंधों के विकास में जीवन शक्ति संचार होगी। मैं शिव शंकर मेनन जी के साथ सीमा मामले का समाधान बढ़ाने के लिए कोशिश करूंगा, ताकि चीन-भारत रणनीतिक साझेदारी के विकास में और प्रगति हो सके।"

चीन-भारत सीमा मसले के विशेष प्रतिनिधि की वार्ता दोनों देशों के बीच सीमा मामले का समाधान बढ़ाने के लिए स्थापित उच्च स्तरीय वार्ता व्यवस्था है। 2003 में स्थापना के बाद अब तक 15 बार की वार्ता आयोजित हो चुकी है। इस व्यवस्था के प्रभाव के चलते चीन और भारत ने 2005 में सीमा मामले के निपटारे के लिए राजनीतिक मार्गदर्शी सिद्धांत संपन्न किया, जिसे समस्या के समाधान का पहला कदम माना जाता है। दक्षिण एशिया मामलों के चीनी विशेषज्ञ मा च्या ली ने कहा कि अगले चरण में चीन-भारत सीमा वार्ता का प्रमुख काम दोनों पक्षों के लिए स्वीकार्य समाधान ढांचा ढूंढ़ना है। मा च्या ली के मुताबिकः

"आमतौर पर सीमा मामले के निपटारे के लिए तीन कदम उठाने हैं। पहला, राजनीतिक मार्गदर्शी सिद्धांत संपन्न करना। दूसरा, समाधान ढांचे की स्थापना और तीसरा, वास्तविक सीमांकन निर्धारित करना। अब चीन और भारत के बीच राजनीतिक मार्गदर्शी सिद्धांत संपन्न हो चुका है। अगले चरण में दोनों पक्षों के लिए स्वीकार्य समाधान ढांचा ढूंढ़ना होगा। चीन और भारत की सरकारें इस दिशा में कोशिश कर रही हैं।"

मई 2014 के आसपास भारत में आम चुनाव होने की संभावना है। विश्लेषकों का मानना है कि ऐसी स्थिति में विशेष प्रतिनिधियों की वार्ता में ठोस प्रगति हासिल नहीं होगी। इस पर मा च्या ली ने कहा कि भारत सरकार में बदलाव सीमा मुद्दे पर दोनों देशों के समान लक्ष्यों को प्रभावित नहीं करेगा। वार्ता में दोनों देशों के प्रतिनिधि संबंधित मुद्दों पर विचार-विमर्श जारी रखेंगे।

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