उत्तर भारत में कई दिनों तक भारी बारिश के कारण आई बाढ़ व भूस्खलन से मृतकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ख़बरों के मुताबिक अब तक एक हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि अन्य 22 हजार लोग बचाव दलों की प्रतीक्षा में हैं। लेकिन भारतीय सेना के जवान पूरी कोशिश के साथ पीड़ितों को बचाने में लगे हुए हैं।
उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन मंत्री यशपाल आर्य ने 23 जून की रात को कहा कि वर्षा से आई बाढ़ व भूस्खलन से मृतकों की संख्या शायद 5000 से ज्यादा पहुंच सकती है।
उधर उत्तराखंड के कृषि मंत्री हरक सिंह रावत ने इस आपदा को शताब्दी की सबसे गंभीर आपदा बताया। उन्होंने कहा कि हमें इस आपदा से हुए नुकसान आदि से उबरने में कम से कम पांच वर्ष लगेंगे।
भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 19 जून को हैलिक़ॉप्टर से आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई दौरा किया, और उत्तराखंड को दस अरब रूपए की तत्कालिक राहत राशि देने का फैसला किया।
चंद्रिमा