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ईरान में राष्ट्रपति-चुनाव का अंतिम परिणाम स्थानीय समयानुसार 15 जून की रात को घोषित किया गया, जिसके अनुसार रूढ़िपंथ के एकमात्र उदारवादी उम्मीदवार, परमाणु कार्यक्रम पर पूर्व प्रमुख वार्ताकार हसन रूहानी चुनाव में विजयी होकर देश के नए राष्ट्रपति बने हैं। इस पर अतर्राष्ट्रीय समुदाय की ओर से कौन-कौन-सी प्रतिक्रियाएं आई हैं। पढ़िए एक रिपोर्ट।
15 जून को संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून ने अपने प्रवक्ता के जरिए एक वक्तव्य जारी कर रूहानी को राष्ट्रपति बनने पर बधाई दी। अपने वक्तव्य में बान की-मून ने कहा कि वह शुरू से ही ईरान में राष्ट्रपति-चुनाव की प्रक्रिया पर करीबी नजर रखे हुए हैं और चुनाव के लिए मतदान में बड़ी संख्या में लोगों की भागीदारी से संतुष्ट हैं। उन्होंने कहा कि वह ईरान के प्रशासन एवं नवनिर्वाचित राष्ट्रपति के साथ मिलकर प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय मामलों एवं ईरानी जनता के कल्याण में जुटे रहेंगे। वो ईरान को क्षेत्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मामलों में रचनात्मक भूमिका जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।
रूहानी के राष्ट्रपति बनने पर अमेरिका ने ईरानी जनता के विकल्प का सम्मान करने की बात कही और दोहराया कि वह ईरान के परमाणु मुद्दे का राजनयिक माध्यम से हल करने को तैयार है। हाइट हाउस के प्रेस प्रवक्ता कर्नी ने अपने एक लिखित बयान में दावा किया कि अमेरिका ईरान सरकार से आम जनता की आवाज सुनने और उन्हें बेहतर भविष्य उपलब्ध कराने की आशा करता है। बयान में यह भी कहा गया है कि अमेरिका अब भी ईरान सरकार के साथ सीधे संपर्क बनाये रखने का इच्छुक है और ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की चिंताओं को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए राजनियक समाधान को खोज निकालना चाहता है।
उधर इजराइल के प्रधान मंत्री नेतन्याहू ने कहा कि उन के देश की सब से बड़ी चिंता है ईरान का परमाणु कार्यक्रम। उनके अनसार ईरान का परमाणु कार्यक्रम तय करने वाला उस के सर्वोच्च आध्यात्मिक नेता खमेनई हैं, न कि राष्ट्रपति। नेतन्याहू ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से परमाणु कार्यक्रम को लेकर ईरान पर दबाव बनाने की अपील की।
रूसी राष्ट्रपति के प्रेस-ब्यूरो ने 16 जून को एक रिपोर्ट देकर कहा कि राष्ट्रपति पुतिन ने हसन रूहानी को ईरान के नए राष्ट्रपति बनने पर बधाई-संदेश भेजा है। संदेश में पुतिन ने विश्वास प्रकट किया कि रूहानी राष्ट्रपति के तौर पर ईरान को और अधिक समृद्ध एवं विकसित करने के साथ-साथ रूस के साथ रिश्तों को भी अधिक मजबूत बनाएंगे। पुतिन ने कहा कि क्षेत्रीय सुरक्षा एवं वैश्विक स्थिरता की गारंटी के लिए रूस ईरान के साथ विभिन्न क्षेत्रों में आपसी लाभ वाले सहयोग बढाने को तैयार है। रूस के कई विश्वेषकों का मानना है कि रूहानी के राष्ट्रपति बनने पर ईरान-रूस संबंधों के भावी विकास की दिशा जस की तस बनी रहेंगी।
लेकिन कुछ विशेषज्ञों ने विचार व्यक्त किया कि रूहानी के राष्ट्रपति बनने से ईरान और पश्चिमी देशों के बीच तनाव में शैथिल्य आएगा और रूस पर ईरान की निर्भरता कम हो जाएगी। ऐसे में ईरान और रूस के बीच संबंधों के विकास में अपेक्षाकृत बड़ी जटिलता आएगी।
यूरोपीय संघ की कूटनीति एवं सुरक्षा नीति की वरिष्ठ प्रतिनिधि सुत्री एश्टोन ने अपने एक बयान में कहा कि वो ईरान के परमाणु मुद्दे के राजनयिक समाधान को जल्द ही खोजने के लिए ईरान के नए नेतृत्व-समूह के साथ सहयोग की प्रतीक्षा कर रही हैं। लेकिन ब्रिटेन ने ईरानी राष्ट्रपति-चुनाव पर ज्यादा सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं की। चुनाव के अंतिम परिणाम को घोषित किए जाने से पूर्व ब्रितानी प्रधान मंत्री कैमरन ने संवाददाताओं को दिए अपने साक्षात्कार में कहा था कि ईरान में चुनाव की व्यवस्था सही लोकतात्रिक नहीं है। बीबीसी ने एक विशेष टिप्पणी जारी कर कहा कि राष्ट्रपति-चुनाव में रूहानी की जीत रूढ़िपंथ के कट्टरवादियों के लिए एक आश्चर्यजनक बात है। इससे जाहिर है कि सुधारवादी ईरान के राजनीतिक मंच पर वापस लौटे हैं, बल्कि ऐसी एक शक्ति बन गए हैं, जिसकी उपेक्षा नहीं की जा सकती है।
ईरान से करीबी संबंध रखने वाले कुछ मध्यपूर्व देश रूहानी के राष्ट्रपति बनने के प्रति सकारात्मक रवैया अपनाते हैं। इन देशों के नेताओं ने समय रहते संदेश भेजकर रूहानी को राष्ट्रपति बनने पर बधाई दी। सऊदी अरब के शाह अब्दुल्लाह ने अपने बधाई-संदेश में कहा कि वो ईरान के साथ संबंध एवं सहयोग को आगे बढाना चाहते हैं। सऊदी अरब के राजकुमार सलमान ने बधाई-संदेश में उम्मीद प्रकट की कि ईरान सतत विकास और प्रगति की राह पर आगे बढता रहेगा।
कतर के अमीर हामाद और राजकुमार तामिम ने भी रूहानी को बधाई-संदेश भेजा। कतर के सब से लोकप्रिय अखबार `बैनर` पर छपे एक लेख में कहा गया है कि राष्ट्रपति-चुनाव में रूहानी के विजयी होने से मध्यपूर्व एवं अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में ईरान को अपनी छवि पुनः स्थापित करने का मौका मिला है। रूहानी ईरान और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के बीच संबंधों को सुधारने में मदद दे सकते हैं, ताकि ईरान वर्तमान राजनीतिक अलगाव एवं आर्थिक प्रतिबंधों से मुक्त हो सके।
सीरिया के राष्ट्रपति बशर ने भी रूहानी को बधाई-संदेश भेजा। उन्होंने 16 जून को भेजे गए अपने संदेश में कहा कि सीरिया ईरान के साथ विभिन्न क्षेत्रों में मैत्रीपूर्ण संबंध एवं सहयोग को आगे बढाएगा।