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ली खछ्यांग की यात्रा से चीन-यूरोप संबंधों का विकास होगा
2013-05-27 18:43:04

नयी सरकार बनने के बाद यूरोप की यात्रा करने वाले पहले चीनी नेता के रुप में ली खछ्यांग की स्विटजरलैंड व जर्मनी यात्रा हालांकि केवल चार दिन रही, लेकिन इस दौरान प्राप्त राजनीतिक सहमतियां व हस्ताक्षरित सिलसिलेवार व्यवहारिक सहयोग दस्तावेज खासतौर पर ध्यानाकर्षक बन गये। चीन व स्विट्जरलैंड के बीच स्वतंत्र व्यापार समझौता की वार्ता और चीन-जर्मनी संबंधों के तेज विकास से इस यात्रा को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का उच्च मूल्यांकन मिला। चीन में चीन-यूरोप संबंध का अध्ययन करने वाले विशेषज्ञ ने हमारे संवाददाता को दिए इन्टरव्यू में कहा कि चीन सक्रिय रूप से स्विजरलैंड व जर्मनी के साथ सहयोग का विकास करता है। यह न सिर्फ़ द्विपक्षीय संबंधों के लिये लाभदायक है, बल्कि चीन-यूरोप संबंधों के विकास को भी बढ़ाएगा।

स्विटजरलैंड की यात्रा में ली खछ्यांग ने स्थानीय अख़बार में एक लेख प्रकाशित करके कहा कि स्विटजरलैंड को उनकी यूरोप यात्रा का पहला पड़ाव चुनने का मुख्य कारण यह है कि वे चीन-स्विटजरलैंड स्वतंत्र व्यापार क्षेत्र की प्रक्रिया को बढ़ाना चाहते हैं। 24 मई को ली खछ्यांग व स्विस राष्ट्रपति ने एक साथ चीन-स्विजरलैंड स्वतंत्र व्यापार समझौता की वार्ता को समाप्त करने की ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये। इससे साबित होता है कि दोनों पक्षों द्वारा वर्ष 2010 से शुरू की गयी स्वतंत्र व्यापार क्षेत्र की वार्ता समझौते का हस्ताक्षर व लागू करने से बहुत नजदीक हो गयी। स्विटजरलैंड यूरोप व विश्व अर्थव्यवस्था में सबसे शक्तिशाली बीस आर्थिक समुदायों में पहला देश बन जाएगा, जो चीन के साथ स्वतंत्र व्यापार समझौता प्राप्त करेगा। चीनी आधुनिक अंतर्राष्ट्रीय संबंध अनुसंधान प्रतिष्ठान के यूरोप अध्ययन संस्थान के प्रधान फ़ेन चोंग फिंग ने कहा कि बेशक चीन-स्विटजरलैंड स्वतंत्र व्यापार समझौता दोनों देशों के आर्थिक व व्यापारिक संबंधों के विकास को बढ़ाएगा।

उन्होंने कहा, हमने स्विटजरलैंड के साथ इस समझौते पर हस्ताक्षर किये, इसका मतलब है कि हमने द्विपक्षीय व्यापार में पूंजी निवेश किया। खासतौर पर वित्तीय क्षेत्र में हमारे सहयोगों में बड़ा विकास होगा। क्योंकि चीन एशिया में स्विटजरलैंड का सबसे बड़ा आर्थिक सहयोग साझेदार है। इसलिये स्वतंत्र व्यापार समझौते के हस्ताक्षर से व्यापार में गतिरोध, बाधा व चुंगी आदि परिसीमन को कम किया जाएगा।

हालांकि स्विटजरलैंड यूरोपीय संघ में शामिल नहीं है, लेकिन फ़ेन चोंग फिंग के ख्याल से स्विटजरलैंड के साथ इस समझौते पर हस्ताक्षर चीन-यूरोप के आर्थिक व व्यापारिक संबंधों के विकास में सकारात्मक भूमिका अदा करेगा। वर्तमान में व्यापार संरक्षणवाद सक्रिय होने की स्थिति में इस समझौते से यह संदेश जाएगा कि चीन खुलेपन की नीति पर कायम रहते हुए व्यापार संरक्षणवाद का विरोध करता है।

जर्मनी ली खछ्यांग की यूरोप यात्रा में एकमात्र यूरोपीय संघ का देश है। चीन-जर्मनी संबंध लगातार चीन-यूरोप संबंधों के विकास का नेतृत्व करता है। दोनों पक्षों ने न सिर्फ़ सरकारों के बीच परिपक्व वार्ता व्यवस्था की स्थापना की थी, बल्कि दोनों देशों के आर्थिक व व्यापारिक संबंध भी चीन-यूरोप के आर्थिक व व्यापारिक संबंधों का नेतृत्व बन गये। ली खछ्यांग की जर्मनी यात्रा के दौरान दोनों पक्षों ने ऊर्जा की किफ़ायत, पर्यावरण की संरक्षण, कृषि, गाड़ी आदि क्षेत्रों के 17 सहयोग दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किये।

इस की चर्चा में चीनी जन विश्वविद्यालय के जर्मनी अध्ययन केंद्र के उप प्रधान मेन होंग ने कहा, इसमें दो मुख्य बातें हैं। पहला है पर्यावरण संरक्षण। इसमें इलेक्ट्रिक कारों का निर्माण चीन के लिये आवश्यक है, जो चीन के पर्यावरण की संरक्षण व ऊर्जा की किफ़ायत में बड़ी भूमिका अदा करेगा। और दूसरी बात यह है कि हम जर्मनी के सेवा व्यवसाय से बहुत अनुभव सीख सकते हैं। जर्मनी में सेवा व्यवसाय कुल वैश्विक उद्योग की 69 प्रतिशत तक पहुंच गयी। हम उससे तमाम अनुभव सीख सकते हैं, जैसे वृद्धा व्यवस्था व बैंकिंग बीमा आदि।

नये सहयोग को मजबूत करने के साथ साथ ली खछ्यांग ने अपनी यात्रा में चीन-यूरोप सहयोग में मौजूद समस्याओं की चर्चा भी की। उन्होंने कहा कि चीन यूरोप संघ द्वारा चीनी पी.वी. व बेतार संचार आदि क्षेत्रों में की गयी जांच-पड़ताल पर बड़ा ध्यान देता है। इस व्यापार संरक्षणवाद की कार्रवाई ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को गलत संदेश भेजा है। यह न सिर्फ़ चीनी उद्यमों के विकास के लिये बल्कि यूरोपीय उपक्रमों व उपभोक्ताओं को भी नुकसान पहुंचाएगा।

चंद्रिमा

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