चीनी प्रधानमंत्री ली खछ्यांग ने 20 मई को नई दिल्ली में भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ वार्ता की। दोनों पक्षों ने व्यापक समान विचार प्राप्त किए और एक साथ तय किया कि चीन और भारत के बीच शांति और समृद्धि के उन्मुख रणनीतिक सहयोग और साझेदार संबंध और मज़बूत किया जाएगा, ताकि द्विपक्षीय सहयोग में नई प्रगति हासिल होगी।
ली खछ्यांग ने कहा कि चीन और भारत एक दूसरे के महत्वपूर्ण पड़ोसी और प्राकृतिक साझेदार हैं। हाल के वर्षों में दोनों देशों के संबंध में उल्लेखनीय प्रगति हासिल हुई। राजनीतिक पारस्परिक विश्वास लगातार बढ़ती जा रही है और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बहुत फलदायी है। इसके साथ ही द्विपक्षीय गैर सरकारी आवाजाही भी दिन ब दिन विस्तार हो रही है। अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मामलों में समन्वय और सहयोग बहतर हैं। सीमा वार्ता में भी सक्रिय प्रगति हासिल हुई। हम चीन-भारत संबंधों में प्राप्त उपलब्धियों पर प्रसन्न हैं और भविष्य के प्रति आशाप्रद भी हैं।
ली खछ्यांग ने कहा कि चीन भारत के साथ मिलकर सुअवसर को पकड़ते हुए सहयोग मज़बूत करने को तैयार है, ताकि द्विपक्षीय संबंध के विकास से दोनों देशों की जनता को वास्तविक लाभ मिल सके।
उन्होंने पांच क्षेत्रों में अपना विचार प्रकाश डाला। पहला, रणनीतिक संपर्क मज़बूत करते हुए राजनीतिक पारस्परिक विश्वास बढ़ाया जाए। दूसरा, वास्तविक सहयोग बढ़ाते हुए समान हितों को गहराया जाए। तीसरा, प्रतिराक्षात्क सहयोग बढ़ाते हुए सुरक्षा क्षेत्र में आपसी विश्वास मज़बूत किया जाए। चौथा, मानवीकी आवाजाही विस्तार करते हुए पारस्परिक समझ बढ़ायी जाए। पांचवां, एक दूसरे की चिंता पर ख्याल रखते हुए संवेदनशील सवाल का निपटारा किया जाए।
भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि भारत और चीन विकास के कूंजीभूत समय में गुज़र रहे हैं। दोनों के बीच व्यापक समान हित और सहयोग की बड़ी निहित शक्ति मौजूद हैं। चाहे अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्थिति में परिवर्तन क्यों न आए, भारत और चीन सबसे अच्छे पड़ोसी देश और सहयोगी साझेदार रहेंगे। प्रधानमंत्री ली खछ्यांग की मौजूदा यात्रा मील के पत्थर का महत्व होता है, जिस से दोनों देशों के बीच रणनीतिक सहयोग और साझेदार संबंध में ज्यादा प्रगति हासिल होगी।
वार्ता में ली खछ्यांग ने तिब्बत मुद्दे पर चीन सरकार के सैद्धांतिक रूख दोहराया। सिंह ने कहा कि भारत सरकार तिब्बत स्वायत्त प्रदेश को चीन की प्रादेशिख भूमि का एक भाग मानती है और भारत में चीन के खिलाफ़ किसी भी कार्रवाई का विरोध करती है।
(श्याओ थांग)