巴基斯坦
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पाकिस्तान में 11 मई को ऐतिहासिक आम चुनावों का आयोजन हुआ। अनौपचारिक सर्वेक्षण परिणाम के अनुसार पूर्व प्रधान मंत्री नवाज शरीफ की पार्टी--पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज़( पीएमएल-एन) ने चुनाव में जीत हासिल की। नवाज शरीफ तीसरी बार प्रधान मंत्री बनेंगे और प्रभावशाली संयुक्त सरकार गठित करेंगे।
नवाज शरीफ ने 12 मई सुबह अपने समर्थकों को जीत की खबर दी।
पाकिस्तानी राष्ट्रीय असेम्बली में कुल 342 सीटें हैं, जिनमें 272 चुनाव से निश्चित होती हैं, बाकि 70 सीटें महिलाओं और अल्पसंख्यक वर्ग के लिए आवंटित हैं। ये सीटें विभिन्न पार्टियों के मत के आधार पर बांटी जाती हैं। नियम के मुताबिक चुनाव में एक पार्टी या गठबंधन को 172 सीटों की जरूरत होगी। वही स्वतंत्र रूप से कैबिनेट गठित कर सकेगी।
गैर सरकारी संगठन के सांख्यिकीय परिणाम के अनुसार मुस्लिम लीग-नवाज़( पीएमएल-एन) ने 125 सीटें हासिल की। इसका मतलब है कि नवाज़ शरीफ़ के प्रधान मंत्री बनने में कोई शक नहीं और उन्हें किसी अन्य पार्टी के साथ कैबिनेट गठित नहीं करना पड़ेगा। अगर वे 30 स्वतंत्र सीटों में से एक दर्जन से अधिक का समर्थन हासिल कर सकेंगे, तो वे प्रभावशाली संयुक्त सरकार गठित कर सकेंगे, जो सिर्फ उनके नेतृत्व में होगी।
इस चुनाव में पाकिस्तानी जस्टिस मूवमेंट पार्टी को 30 से अधिक सीटें हासिल करने की उम्मीद है, जिससे वह सबसे बड़ी विपक्ष बनेगी। नवाज़ शरीफ़ की जीत की घोषणा के बाद 17 घंटों में जस्टिस मूवमेंट पार्टी के नेता इमरान खान ने टी.वी पर ऐसी लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेने के लिए पाकिस्तानी जनता को बधाई दी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान लोकतंत्र की दिशा में एक कदम आगे बढ़ा। उन्होंने कहा
मुझे बहुत खुशी हुई कि हमारी उम्मीद के अनुसार एक नए पाकिस्तान का आधार बन गया। पाकिस्तान पहले की तरह नहीं रहेगा।
पाकिस्तानी चुनाव नियम के मुताबिक पाकिस्तानी चुनाव आयोग चुनाव का परिणाम निश्चित करने के बाद राष्ट्रीय असेम्बली का अध्यक्ष चुनेगी। इससे नई राष्ट्रीय असेम्बली औपचारिक रूप से स्थापित होगी और राष्ट्रीय असेम्बली के नए सदस्य अपनी ज़िम्मेदारी निभाएंगे। इसके बाद राष्ट्रीय असेम्बली चुनाव में जीतने वाली पार्टी को कैबिनेट गठित करने की अनुमति देगी। इसके बाद पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी प्रधान मंत्री के शपथ ग्रहण रस्म की अध्यक्षता करेंगे। इसलिए चुनाव जीतने के बाद प्रशासन के कार्यकाल की शुरूआत करने में कम से कम 20 दिन लगेंगे।
63 वर्षीय नवाज़ शरीफ़ वर्ष 1990 से 1993 तक और 1997 से 1999 तक दो बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद पर आसीन थे। विश्लेषकों का मानना है कि उनकी जीत के तीन मुख्य कारण है। पहला, उन्होंने अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी परवेज मुशर्रफ को माफ किया। दूसरा, इमरान खान की चुनावी रैली के दौरान दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद उन्होंने अपनी राजनीतिक रैली रद्द की और उन्हें जनता की संवेदना और सम्मान मिला। तीसरा जो सबसे मुख्य है, उन्होंने आम लोगों के लिए काफी काम किया। उनके चुनावी नारे में लोकतंत्र और स्वतंत्रता की बातें कम थी, लेकिन उन्होंने जनता के पेट भरने, रोजगार और बिजली समस्या हल करने का वचन दिया।
नवाज़ शरीफ़ ने 13 मई को कैबिनेट गठन करना शुरू किया। सूत्रों के मुताबिक उनके दूसरे प्रधानमंत्री कार्यकाल में वित्त मंत्री इशाक ढाल फिर एक बार वित्त मंत्री बनेंगे।
उधर नवाज़ शरीफ़ ने भारत के साथ संबंधों को मज़बूत करने की बात भी कही। उन्हें आशा है कि शांतिपूर्ण रूप से कश्मीर समस्या का समाधान किया जा सकेगा। वे भारतीय प्रधानमंत्री को अपने शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए आमंत्रित भी करेंगे। वे अमेरिका के साथ यूएवी हमलों के बारे में वार्ता भी करेंगे, उनका मानना है कि अमेरिका ने पाक की संप्रभुता को नुकसान पहुंचाया। इसके अलावा उन्होंने देश में आतंकवादरोधी कार्रवाई शुरू करने की बात भी कही।
(दिनेश)