हाल ही में भारत में कर्नाटक की मानीपल यूनिवर्सिटी और चीन की पेईचिंग इंस्टिड्युट ऑफ़ टेक्नलॉजी(बीआईटी) के बीच सहयोग ज्ञापन-पत्र पर हस्ताक्षर हुए। इस ज्ञापन-पत्र ने दोनों पक्षों के बीच घंनिष्ठ सहयोग का एक नया रास्ता खोला है।
ज्ञापन-पत्र के अनुसार इन दो यूनिवर्सिटियों के बीच अध्यापकों और विद्यार्थियों का आदान-प्रदान किए जाने के साथ ही विद्यार्थियों को दोनों पक्षों की आपसी स्वीकृति वाली डबल डिग्री दी जाएगी।
प्रोफ़ेसर माधव दास नालाभाट ने मानीपल यूनिवर्सिटी का प्रतिनिधित्व करते हुए ज्ञापन-पत्र पर हस्ताक्षर किये। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के सहयोग से ये दिखायी देता है कि चीन की नई सरकार विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को महत्व देती है। साथ ही चीन-भारत को अपना महत्वपूर्ण सहयोगी और साझेदार मानता है। विज्ञान और तकनीकी क्षेत्रों में चीन और भारत बहुत मेल खाते हैं। इसलिये भारत चीन के साथ और गहरे स्तर वाले संपर्क का इच्छुक है।
इसके बाद मनीपाल यूनिवर्सिटी और चीन के नान्चिंग यूनिवर्सिटी ऑफ़ एरनॉटिक्स ऐन्ड ऐस्ट्रनॉटिक्स के बीच समुझौता भी हुआ।
(रमेश)