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दवा पेटेंट मामले में नोवार्टिस मुकदमा हारी
2013-04-03 18:26:12
1 अप्रैल को सर्वोच्च न्यायालय ने स्विस दवा कंपनी नोवार्टिस के पेटेंट दावे को खारिज़ कर दिया। दवा कंपनी नोवार्टिस को उम्मीद थी कि भारत उनकी नयी कैंसररोधी दवा के पेटेंट की रक्षा कर सकेगी, लेकिन भारत सरकार का अनुमोदन नहीं मिला, इसलिए भारत सरकार प्रतिवादी बन गई। लेकिन सर्वोच्च न्यायालय का विचार है कि नोवार्टिस की नयी दवा संबंधित मांग से मेल नहीं खाती, इसलिए भारतीय दवा कंपनी वैध रूप से नोवार्टिस दवा कंपनी की इस कैंसररोधी दवा की प्रतिलिपि बनाना जारी रखेंगी।

द हिन्दू ने 2 अप्रैल को कहा कि अदालत के निर्णय के तहत मरीजों को इस कैंसररोधी दवा के प्रतिलिपि उत्पादन मिलेंगे, अगर नोवार्टिस दवा कंपनी की दवाओं का प्रयोग करते हैं तो हर महीने दस हजार रुपयों से अधिक का खर्च होता है, अगर प्रतिलिपि उत्पादनों का प्रयोग करते हैं तो खर्च एक हजार से कम होगा। अदालत के निर्णय की स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सराहना की। ऐसा करते हुए 3 लाख मरीजों को फायदा पहुंचेगा।

अंतर्राष्ट्रीय चिकित्सा राहत संगठन (एमएसएफ़)-डॉक्टरस विथऑउट बार्डर्स ने 2 अप्रैल को जिनेवा में एक वक्तव्य जारी करते हुए कहा कि वे भारतीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत करते हैं और कहा कि इस निर्णय के बाद विकासमान देशों के मरीजों को सस्ती दवाएं उपलब्ध हो सकेंगी।

(होवेइ)

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