भारतीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने संसद में वित्तिय बजट2013-2014 की चर्चा में एक खरब रुपये यानी 1 अरब 90 करोड़ अमेरिकी डॉलर के विशेष विनियोग में इज़ाफा करने की घोषणा की।
चिदंबरम द्वारा 28 फरवरी को प्रस्तुत बजट रिपोर्ट के मुताबिक,वर्ष 2013-2014 में वंचित समूहों को कम कीमत पर हर माह 3 से 7 किलो तक प्रति व्यक्ति को खाद्य सामग्री की बिक्री की जाएगी ताकि खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करते हुए बच्चों में कुपोषण की समस्या में सुधार किया जा सके।
लेकिन लोगों ने इस योजना की आलोचना की। भारतीय खाद्य मंत्री के.वी थॉमस के अनुसार बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए वर्तमान खाद्य कीमतों के अनुसार, बजट में कम से कम एक गुना इज़ाफा करने की ज़रुरत है। लेकिन कई अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि इस योजना को पूरा करने के लिये कम से कम निवेश का दो गुना बढ़ाना पड़ेगा। साथ ही मीडिया रिपोर्ट का भी यहीं मानना है कि वास्तविक निवेश व्यावहारिक जरूरतों को पूरा करने में सक्षम नहीं होगी और इस योजना के कार्यान्वयन में भ्रष्टाचार होने की भी आशंका है।
इसके अलावा, कुछ विश्लेषकों का मानना है कि खाद्य सुरक्षा योजना संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन(संप्रग) के पिछले चुनाव में जीतने का एक महत्वपूर्ण कारण रही।
लेकिन सरकार के सामने राजकोषीय घाटे की गंभीर समस्या मौजूद है। इसलिये खर्च में कटौती करने जैसे कदम उठाने की जरुरत है।
अंजली