भारत में आयोजित होने वाला कुंभ मेला दुनिया का सबसे बड़ा मेला कहा जा सकता है। लेकिन तमाम कारणों से गंगा नदी में प्रदूषण की समस्या गंभीर होती जा रही है। पर्यावरण संरक्षण से जुड़े लोगों ने चेतावनी दी है कि प्रदूषण गंगा नदी को मृतप्राय बना देगा।
करोड़ों श्रृद्धालुओं ने 25 फरवरी को गंगा और यमुना नदी में स्नान किया। सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सरकार और अनुयायियों से गंगा को प्रदूषण से मुक्त करने के लिए क़दम उठाने की अपील की। हालांकि सरकार ने नदी के ऊपरी भाग में स्थित कारखाने से निकलने वाले प्रदूषित जल को रोकने के लिए कुछ कोशिश की है, लेकिन करोड़ो लोगों के स्नान करने से प्रदूषण का स्तर फिर बढ़ गया है।
आर्थिक विकास और लोगों का जीवन स्तर सुधरने के साथ ही और ज्यादा प्रदूषक सामग्री नदी में छोड़ी जाने लगी है। केन्द्रीय प्रदूषण प्रबंध ब्यूरो के विशेषज्ञों ने कहा कि 1986 से शुरू गंगा नदी योजना में प्रस्तुत प्रदूषित जल के निपटारे की क्षमता उन्नत करने का लक्ष्य अब तक हासिल नहीं हो सका है।
(ललिता)