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भारत के रक्षा निवेश में इजाफा, चीन को ख़तरा
2013-02-22 17:23:14

हाल में फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांसवां ओलांड ने भारत की यात्रा की, इस दौरान उन्होंने सैन्य रक्षा, असैन्य परमाणु ऊर्जा,आर्थिक व व्यापारिक सहयोग आदि मुद्दों पर भारतीय प्रधानमंत्री के साथ चर्चा की। साथ ही दोनों पक्षों ने सैन्य खरीद परियोजनाओं पर भी विचार-विमर्श किया।

हांकांग की मीडिया ने 22 फरवरी को जारी रिपोर्ट में कहा है कि भारत व फ्रांस के बीच सैन्य संबंध बहुत तेजी से विकसित हो रहे हैं,जिसने नई अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को बढ़ाते हुए एक बहु-ध्रुवीय दुनिया के रुझान के विकास को भी आगे बढ़ावा दिया है। फ्रांस के साथ सामरिक भागीदारी संबंध स्थापना के साथ-साथ यूरोप में और दुनिया भर में भारत का प्रभाव बढ़ा है।

इसके अलावा,फ्रांस के साथ सैन्य सहयोग से भारतीय सेना के हथियारों व उपकरणों के आधुनिकीकरण पर भी चर्चा की गई। लेकिन भारत ने "चीन से खतरे"के बहाने अपने सैन्य मुद्दों में निवेश का इज़ाफा किया है,जो चीन की सुरक्षा के लिये एक बड़ा खतरा बन चुका है।

रिपोर्ट के मुताबिक, एशिया के दो बड़े देशों के रूप में चीन व भारत को क्षेत्रीय व अंतर्राष्ट्रीय मामलों में और अधिक जिम्मेदारी लेकर एशिया की शांति व विकास की रक्षा करना चाहिये।

अंजली

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