इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश आरएस लोढा की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र से सभी मुख्य सचिवों और केंद्रीय गृह सचिव की बैठक बुलाकर इस मामले पर सख्त कदम उठाने और तेज़ाब की बिक्री रोकने के संबंध में विचार करने को कहा।
इसके साथ ही केंद्र से ऐसे मामलों में कड़ा कदम उठाने और एसिड हमले के शिकार पीड़ितों को उचित मुआवजा देने के भी निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा सरकार को पीड़ित के पुनर्वास, इलाज और मुआवजे पर भी कदम उठाने को कहा गया है।
इससे पहले सरकार ने कानून में संशोधन करते हुए एसिड से पहुंचने वाले नुकसान की गंभीरता को देखते हुए इसे अलग अपराध की श्रेणी में रखा है। गौरतलब है कि भारत में एसिड हमलों पर रोक लगाने और ऐसे मामलों से निपटने के लिए कोई विशेष कानून नहीं है। अनुमान है कि हर वर्ष भारत में लगभग 100 महिलाएं एसिड हमले का शिकार होती हैं।
चंद्रिमा