ब्रिटिश मीडिया ने रूस के भारत के साथ चंद्र सहयोग कार्यक्रम से हटने की रिपोर्ट की। विश्लेषकों का कहना है कि अगर यह खबर सही है, तो भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन किसी देश की सहायता के बिना वर्ष 2015 में चांद पर मानवयुक्त अंतरिक्ष यान भेजने की योजना को पूरा करेगा।
रूस के साथ सहयोग को लेकर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के प्रभारी ने कहा कि रूस के फोबोस डिटेक्टर वर्ष 2011 में गिरने और वित्तीय मामले के कारण रूस ने भारत के साथ सहयोग जारी रखनी की योजना रद्द कर दी।
गौरतलब है कि वर्ष 2008 में भारत ने अपना पहला चंद्र अन्वेषण उपग्रह चंद्रयान-1 छोड़ा। हालांकि, चंद्रयान और पृथ्वी के बीच संपर्क टूट गया। लेकिन इससे पहले चंद्रयान द्वारा भेजे गए आंकड़ों से पता चला कि चंद्रमा पर पानी के होने की संभावना है।
(दिनेश)