भारत द्वारा हाल में जारी 12वीं पंचवर्षीय योजना के मुताबिक, वैज्ञानिक विकास को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार विज्ञान क्षेत्र में और अधिक निवेश करेगी।
12 वीं पंचवर्षीय योजना के मुताबिक, छह महत्वपूर्ण वैज्ञानिक विभागों को अध्ययन के लिये सरकार अप्रैल 2014 से मार्च 2017 तक 12खरब 40 अरब रुपए की विशेष वित्तीय मदद देगी। वहीं 11वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान विज्ञान क्षेत्र में 7 खरब 50 अरब रुपये का बजट निर्धारित किया गया।
साथ ही पीएचडी व परास्नातक के छात्रों की संख्या में बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव किया गया।भारत में पढ़े पीएचडी छात्रों की संख्या पिछले साल के 8900 से 12 हजार 5 सौ तक बढ़ी,जबकि पूर्णकालिक शोधकर्ताओं की संख्या भी 1 लाख 54 हजार से 2लाख 50 हजार तक पहुंची। वर्ष 2017 तक भारतीय शोधकर्ताओं द्वारा प्रकाशित साहित्य की कुल संख्या दुनिया भर के आईटी उद्योग का 5 प्रतिशत होने का अनुमान है।
इसके अलावा,भारत सरकार ने सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से वाणिज्यिक व वैज्ञानिक संबंधों को बेहतर करने की उम्मीद जताई।साथ ही भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के वैज्ञानिक सलाहकार सी. एन. आर. राव ने इस बजट प्रस्ताव का स्वागत किया है।
अंजली