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भारत में गैंगरेप की पीड़िता को श्रद्धांजलि
2012-12-31 13:12:10

29 दिसम्बर को दिल्ली सामूहिक दुष्क्रम का शिकार हुई 23 वर्षीय लड़की दामिनी ने सिंगापुर के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। दूसरे दिन ही उस का पार्थिव शरीर वापस भारत लाकर अंतिम संस्कार किया गया। लड़की के अभिभावकों की मांग पर यह संस्कार सार्वजनिक नहीं किया गया है, जिसमें केवल अल्पसंख्यक परिजनों और मित्रों ने हिस्सा लिया। दामिनी की मौत की खबर मिलने के बाद भारत में राष्ट्रपति और प्रधान मंत्री से लेकर आम लोगों तक ने तरह-तरह के तरीकों से शोक और दुख व्यक्त किए। लोगों ने पीड़िता को स्नेह से भारत की बेटी कहकर पुकारे हैं।

उड़ीसा में कई कलाकारों ने रेतों से दामिनी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए उस की एक मूर्ति बनाई। एक शिल्पकलाकार श्रीगंध ने कहा कि इस कृति में गहरा अर्थ निहित है। `हम न्याय की अपील करते हैं। दामिनी के साथ जो हुआ, वह अत्यंत बेहरम और जघन्य है। 21वीं सदी में हुई इस त्रास्दी ने भारत को दुनिया के सामने शर्मनाक कर दिया है। हमारे रेतों से यह मूर्ति बनाने का उद्देश्य इस समस्या के गांभीर्य पर जोर देना है।`

अमेरिकी अखबर न्यूयार्क टाइम्स ने अपनी एक टिप्पणी में कहा कि विश्व का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने वाली इस घटना से भारत की एक आश्चर्यजनक प्रवृत्ति दिखाई दी है। भारत वाणिज्य एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में एक सफल उदाहरण बन गया है, तो भी वह महिलाओं का उत्पीड़न करने वाली स्थिति के प्रति सहिषणुता का रवैया अपनाता रहा है। उसमें बलात्कार के मामले चौंकाने वाली गति से बढ रहे हैं। नई दिल्ली की ओर से जारी एक रिपोर्ट के अनुसार 2011 में इसी महानगर में 572 बलात्कार मामले दर्ज किए गए। चालू वर्ष इस तरह के मामलों की संख्या में 17 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। उल्लेखनीय बात यह है कि यह संख्या केवल उन मामलों की है, जो दर्ज किए गए हैं। बहुत सी पीड़िताएं शर्म के कारण पुलिस के पास नहीं गईं। पुरूष प्रधान समाज वाले भारत में इस तरह के मामले की कितनी अवहेलना की जाती है, वह यहां देखी जा सकती है।

दामिनी की घटना से भारत में आक्रोश व्याप्त हो गया है। लाखों लोगों ने राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली और देश के अन्य कई क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन किए। 30 दिसम्बर को प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच भिड़ंत हुई। एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि पुलिस ने महिला प्रदर्शनकारियों के साथ बुरा बर्ताव किया। `प्रदर्शन में भाग लेने वाली महिलाओं के हाथों में न कोई बंदूक है न कोई डंडा, लेनिक उन्हें जमकर पीटा गया। उन्होंने क्या गलती की? वे सिर्फ दामिनी के समर्थन में प्रदर्शन कर रही थीं।`

भारत के मशहूर योग गुरू बाबा रामदेव ने भी दामिनी को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने बल देकर कहा कि दोषियों को सजा दी जाने तक देश के विभिन्न क्षेत्रों में प्रदर्शन जारी करेंगे। उन्होंने कहा, `दामिनी एक बहादुर लड़की थी। जिन्दगी की लड़ाई में हार होने पर भी वह यौन-उत्पीड़न का विरोध करने वाला एक प्रतीक बन गईं। त्वरित गति वाली अदालत में आरोपियों पर मुकदमा चलाने के बाद जब तक उन्हें मृत्युदंड नहीं दिया जाता, देश भर में विरोध-प्रदर्शन जारी रहेगा।`

आम लोगों के अलावा भारत के महिला संगठनों और विपक्षी पार्टिययों ने भी सरकार से जल्द ही कार्यवाही करने की अपील की। भारत के कानून बनाने वाले विशेषज्ञ और भाजपा के प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा, `पूरा देश दुख में डूबा बुआ है। हम भारत की बेटी को उस की बहादुरी के लिए सलाम देते हैं।`

प्रसाद ने कहा कि भाजपा सरकार के साथ मिलकर देश की कानून-व्यवस्था के निर्माण को मजबूत करेगी। ` हमारी पार्टी आशा करती है कि सरकार महिलाओं के खिलाफ़ अपराधों पर प्रहार करने वाले कानून-कायदे बनाने के काम में तेजी लाएगी और जल्द ही पीड़िता को न्याय दिलाएगी और दोषियों को सजा देगी। भाजपा इस क्षेत्र में सरकार को सहयोग देगी। सरकार को यथाशीघ्र समुचित और व्यावहारिक प्रस्ताव लाना है और जनता की अपील पर प्रतिक्रिया देनी है। हम ने अनेक बार संसद से आपात बैठक बुलाने की मांग की है, इस की बड़ी जरूरत है।`

नई दिल्ली की पुलिस के न्यायिक मामलों के कमिश्वर धर्मेंद्र कुमार ने मीडिया से कहा, ` हम आगामी तीसरी जनवरी को संबंधित मुकदमा चलाना शुरू करेंगे। भारतीय संहिता 302 के अनुसार हम ने लगाए गए आरोपों में हत्या का मामला ज़ोडा है। एक प्रतिष्ठित अभिजोयक अपने पद पर तैयार हो चुके हैं. जो विशेष रूप से स्थापित त्वरित गति वाली अदालत में अभियोजन का काम करेंगे। हम दोषियों को सख्त सजा देने की भरसक कोशिश करेंगे।`

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