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प्राचीन मनमोहक कस्बा मूतू
2012-10-24 11:00:08
 मुझे मालूम है कि इस समय आप रेडियो के पास बैठे हैं और आज मैं आप को ले जा रही हूं पूर्वी चीन के सूचाओ शहर के पश्चिम में स्थित एक प्राचीन कस्बे मूतू के दौरे पर। इस छोटे से कस्बे के पीछे लिंग येन शान नामक पर्वत खड़ा है,जबकि आगे श्यांगशी और श्यू च्यांग नदियां बहती हैं। हरे-भरे पर्वत की तलहटी में स्थित इस कस्बे ने अपने शांतिमय पर्यावरण व कल-कल करती नदियों से अपनी विशेष पहचान बनाई है। इतना ही नहीं, इसके अनेक क्षेत्रों में स्थापित पुरानी शैली के बगीचों ने भी इसकी सुंदरता में चार चांद लगाये हैं। आइये निकलें इस बागनुमा कस्बे का दौरा करने।

प्रिय श्रोताओ, मूतू कस्बे का दौरा करने से पहले मुझे लगता है इस के नाम के पीछे छिपी कहानी जानना जरूरी है। कहते हैं, कोई दो हजार वर्ष पहले यहां ऊ व य्वे नाम के दो राज्य थे। एक बार दोनों के बीच लड़ाई हुई। इसमें ऊ ने य्वे राज्य को परास्त कर दिया। य्वे राज्य के राजा ने शीश नाम की सुंदरी ऊ राज्य के राजा को भेंट की। यह सुंदरी ऊ राज्य के राजमहल में कई सालों तक जासूसी करती रही। ऊ राज्य के राजा को शीश की असलियत का पता नहीं था। उसे इस सुंदरी से बहुत लगाव था। इसलिए राजा ने उसके लिए लिंग येन शान पर्वत पर विशेष तौर पर क्वान वा कूंग नामक विश्राम महल भी बनवाया। ऊ राज्य के राजा ने सुंदरी शीश को खुश करने के लिए यह आदेश भी जारी किया कि क्वान वा कूंग विश्राम महल के निर्माण में जितनी भी लकड़ी की जरूरत होगी , वह सब य्वे राज्य से खरीदी जायेगी। इससे लिंग येन शान की तलहटी से निकलने वाली कांगतू नदी में इतनी लकड़ियां एकत्र की गईं कि उनसे नदी का पानी तीन सालों तक रुक गया। लकड़ियों से नदी का पानी रोके जाने से ही इस का नाम मूतू पड़ा।

शीश क्वानवाकूंग विश्राम महल में अपनी दासियों के साथ मुंह धोने व नहाने के लिए जिस पानी का प्रयोग करती थी, वह भी लिंग येन शान पर्वत से निकलने वाली एक छोटी नाली में विलीन हो कर बहता था। अतः समय बीतते-बीतते इस नाली का पानी महकने लगा और स्थानीय लोग इसे महकदार या श्यांगशी पुकारने लगे। धीरे-धीरे यह महकदार नाली मूतू कस्बे का उपनाम बन गयी। महकदार नाली के अतिरिक्त कस्बे में चीन की प्रथम मानवकृत नहर शू च्यांग भी है। मूतू के प्रधान वांग वू मिन ने बताया कि कस्बे में हरेक नदी और पुल के पीछे एक सुंदर किम्वदंती छिपी हुई है।

वे कह रहे हैं, हमारे बगल से गुजरने वाली यह शू च्यांग नहर तत्कालीन जनरल ऊ ची शू की सेना ने खोदी थी। यह नहर सूचाओ के शू मन से थाई हू झीन होकर छांगच्यांग में जा गिरती है। तब शू च्यांग नहर एक महत्वपूर्ण रणनीतिक जलमार्ग थी और चीन की प्रथम मानवकृत नहर भी है। यह महकदार नाली और शूच्यांग नहर का संगम भी है।

मूतू कस्बा दक्षिणी चीन के खुशहाल गांवों का नमूना माना जाता है। इस छोटे कस्बे की अधिकतर बस्तियां पर्वत की तलहटी में स्थापित हैं, जबकि नदियां इसके आगे-आगे बहती हैं। यहां साल भर स्वच्छ व तरोताजा वातावरण रहता है। कस्बे की 800 मीटर से भी अधिक लम्बी शानथांग सड़क इस पुराने कस्बे की सब से प्रमुख सड़क है। सड़क के दोनों किनारों पर निजी बगीचेनुमा मकान और नाना प्रकार की दुकानें देखने को मिलती हैं। इस सड़क पर खड़े होकर आप पुरानी रौनक महसूस कर सकते हैं। मूतू पर्यटन विकास कम्पनी के उप महाप्रबंधक चाओ च्यू खुन ने कहा

पुराना मूतू कस्बा थाइहू झील व सूचाओ शहर के बीच सुनहरे जलमार्ग के गले पर स्थित है। उस की भौगोलिक स्थिति अत्यंत महत्वपूर्ण है। मिंग राजवंश के अंत से छिंग राजवंश के शुरू तक यह कस्बा पश्चिमी सूचओ का सब से बड़ा व्यापारिक केंद्र रहा।

उप महाप्रबंधक चाओ ने आगे कहा कि शानथांग सड़क की असली ऐतिहासिक छवि और पुरानी चहल-पहल को पुनर्जीवित करने के लिए स्थानीय सरकार दस करोड़ य्वान का अनुदान करने पर राजी हुई है। जीर्णोद्धार पूरा होने के बाद पर्वत, जल और बगीचों से यह पुराना कस्बा निखर आयेगा और पर्यटक इसी शानथांग सड़क से सीधे लिंग येन पर्वत तक पहुंच सकेंगे।

इस पुराने कस्बे में 600 साल पहले मिंन व छिंग राजवंश काल में 30 से अधिक सुंदर निजी बाग स्थापित हुए थे। आज उन में से दस से अधिक अच्छी तरह सुरक्षित हैं। मूतू के पुराने बाग सूचाओ के प्रसिद्ध उद्यानों की सूक्ष्म वास्तु शैलियों से युक्त ही नहीं हैं, उन के निर्माण की वास्तुकला बहुत स्वाभाविक भी है। इन उद्यानों में येन खानदान का बाग सब से उच्च कोटि का है। उल्लेखनीय है कि इस विशाल उद्यान में चार ऋतुओं के हिसाब से अलग-अलग चार शैलियों वाले बगीचे स्थापित हैं, पर देखने में वे एक-दूसरे से सामंजस्य में लगते हैं। यह अनुपम वास्तुशैली बड़ी तादाद में पर्यटकों को आकृष्ट करती है। पर्यटक मेइ पिंग कई बार इस बाग उद्यान को देखने आ चुके हैं।

उनका कहना है, मुझे लगता है कि येन कुन का बाग सूचाओ के अन्य उद्यानों से भिन्न है। इसे बगीचेनुमा निवास स्थान भी माना जा सकता है, क्यों कि उद्यान के बीचोंबीच आलीशान मकान खड़े हैं, जबकि चारों ओर चार ऋतुओं की विशेषताओं के आधार पर स्थापित बगीचे भी हैं। यह एक अलग ही तरह का आभास देता है।

येन कुल के उद्यान के अतिरिक्त हुंगइनशानफांग उद्यान भी देखने लायक है। इस उद्यान की वास्तुशैली येन उद्यान जितनी सूक्ष्म नहीं है, पर उस का क्षेत्रफन बहुत विशाल है और वास्तुशैली भी अपने ढंग की है। उस के पिछवाड़े के बगीचे में उगा दस मीटर से भी ऊंचा पांच सौ वर्ष पुराना देवदार का पेड़ बहुत आकर्षक है। इस उद्यान के घने छायादार पेड़ों के बीच घूमते समय दूर खड़े लिंग येन पर्वत का अद्भुत दृश्य देखते ही बनता है। पर्यटक मेइ पिंग ने अपना अनुभव बताते हुए कहा कि मूतू कस्बे के निजी बाग देख कर चीनी भवन निर्माण की महत्ता महसूस की जा सकती है और इससे एक अनूठा आनन्द मिलता है।

मूतू कस्बे में न सिर्फ अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य और अलग ढंग के बाग ही नहीं हैं, यहां दोस्तों के साथ विश्राम करने और संस्कृति का आनन्द उठाने के अच्छे स्थान भी आप पा सकते हैं।

प्रिय श्रोताओ , हमारी मूतू कस्बे की सैर यहीं खत्म होती है। अगले हफ्ते आपसे इसी समय फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए आज्ञा दीजिये, नमस्कार।

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