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हिलेरी क्लिन्टन की चीन यात्रा में मतभेद और सहयोग
2012-09-05 17:36:36

अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिन्टन ने पांच सितम्बर को पेइचिंग में व्यस्त राजनयिक कार्यवाही शुरू की। चीनी राष्ट्राध्यक्ष हु चिनथाओ ने पांच तारीख को सुबह पेइचिंग में बृहत जन सभा भवन में उन के साथ भेंट वार्ता की । श्री हु चिनथाओ ने बलपूर्वक कहा कि चीन अमेरिका के साथ वार्ता, संपर्क तथा समन्वय बढ़ाना चाहता है और हर प्रकार की बाधाओं को दूरकर चीन अमेरिका संबंध के सही दिशा में आगे बढ़ने देने की कोशिश करता है। सुश्री हिलेरी ने कहा कि अमेरिका एक शक्तिशाली, समृद्ध, शांतिपूर्ण चीन के उत्थान का समर्थन करता है। अमेरिका चीन के साथ अन्तरों से ऊपर उठकर सहयोग मजबूत करेगा और साथ मिलकर वैश्विक सवालों व चुनौतियों से निपटने का प्रयास करेगा।

हिलेरी क्लिन्टन ने चार सितम्बर की रात पेइचिंग पहुंचने के तुरंत बाद चीनी विदेश मंत्री यांग च्ये छी के साथ वार्ता की, वार्ता देर रात तक चली। पांच तारीख को सुबह चीनी राष्ट्राध्यक्ष हु चिन थाओ ने हिलेरी केसाथ डेढ़ घंटे की बातचीत की।

वार्ता के बाद चीनी विदेश मंत्री यांग च्येछी और अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिन्टन ने संयुक्त रूप से संवाददाता सम्मेलन बुलाया। श्री यांग च्येछी ने वार्ता में चीन अमेरिका संबंधों पर चीनी राष्ट्राध्यक्ष का रूख परिचित किया। उन्होंने कहाः

इन सालों में चीन और अमेरिका दोनों पक्षों के समान प्रयासों से चीन अमेरिका संबंध आम तौर पर स्थिरता के साथ आगे बढ़े हैं, दोनों ने रचनात्मक रूप से आपसी सम्मान, आपसी लाभ और साझा बिजय वाले चीन अमेरिका सहयोग संबंधों की स्थापना की। चीन अमेरिका संबंधों का रणनीतिक महत्व और वैश्विक प्रभाव दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है, जो बहुत ही मूल्यवान समझने और समान रूप से रक्षा करने के काबिला है। चीन अमेरिका के साथ वार्तालाप, संपर्क और समन्वय बढ़ाने को तैयार है और हर प्रकार की बाधाओं को दूरकर चीन अमेरिका संबंधों को सही दिशा में आगे चलने की गारंटी देने के लिए कोशिश करेगा।

सुश्री हिलेरी ने कहा कि अमेरिका और चीन एक बड़ा पारंपरिक देश और एक बड़ा नवोदित देश के संबंध कायम करने में जुटे हुए हैं, इस प्रकार के संबंध अभूतपूर्व होगा। उन्होंने कहाः

राष्ट्रपति ओबामा और मैं अकसर कहा करते हैं कि अमेरिका एक शक्तिशाली, समृद्ध और शांतिप्रिय चीन के उत्थान का स्वागत करता है। चीन का आर्थिक विकास विश्व अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा। अमेरिका की आशा है कि चीन विश्व मामलों में और अधिक बड़ी भूमिका अदा करेगा, ताकि विश्व सुस्थिरता बढ़ाने तथा विश्वव्यापी चुनौतियों का समाधान करने को मदद मिले। हमें पक्का विश्वास है कि दोनों देशों के सहयोग से प्राप्त होने वाला लाभ अस्वस्थ प्रतिस्पर्धा के परिणाम से कहीं अधिक बेहतर होगा। इसलिए दोनों पक्षों को मतभेदों से अच्छी तरह निपटने तथा सहयोग का विस्तार करने की यथा संभव कोशिश करनी चाहिए।

संवाददाताओं के प्रश्नों के उत्तर देने के दौरान चीनी विदेश मंत्री यांग च्येछी ने दक्षिण चीन समुद्र सवाल पर कहा कि दक्षिण चीन समुद्र सवाल पर चीन सरकार का रूख हमेशा समान और स्पष्ट रहा है। यानिकी दक्षिण चीन समुद्र द्वीप समूहों और आसपास के जल क्षेत्रों पर चीन का स्वामित्व होता है, इस के बारे में पर्याप्त ऐतिहासिक और कानूनी प्रमाण मिलते हैं। दक्षिण चीन समुद्र में कुछ द्वीपों पर संप्रभु विवाद तथा कुछ जल क्षेत्रों पर अधिकार के द्विपक्षीय दावे का समाधान प्रत्यक्ष संबंधित देशों के द्वारा ऐतिहासिक तथ्यों और अन्तरराष्ट्रीय कानूनों के आधार पर प्रत्यक्ष वार्ता व मैत्रीपूर्ण सलाह मशविरे के जरिए किया जाएगा। उन्होंने बलपूर्वक कहा कि दक्षिण चीन समुद्र में जहाजरानी की स्वतंत्रता की गारंटी होगी। उन्होंने कहाः

एशिया प्रशांत एक ऐसा क्षेत्र है, जहां चीन और अमेरिका दोनों देशों के हित अधिक केन्द्रित हैं और परस्पर कार्यवाहियां व्यस्त हैं। चीन की आशा है कि दोनों पक्ष समान प्रयास कर रचनात्मक और व्यावहारिक संबंधों का विकास करेंगे, यह एशिया प्रशांत देशों की जनता की समान अभिलाषा है। हम अमेरिका तथा एशिया प्रशांत के अन्य देशों के साथ सहिषणुतापूर्ण व आपसी लाभ वाले इलाके का निर्माण करने को तैयार हैं। हम चाहते हैं कि अमेरिका स्थिति का सही विश्लेषण करके अपनी नीति को युग की धारा तथा इस क्षेत्र के देशों की शांति, विकास व सहयोग बढ़ाने की अभिलाषा के अनुकूल बनाएगा।

एशिया प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका द्वारा सैनिक गठबंधन मजूबत करने के सवाल पर प्रश्नोत्तर में सुश्री हिलेरी ने कहा कि अमेरिका को चाहिए कि वह चीन के साथ मिलकर वैश्विक चुनौतियों का सामना करे। बेशक दोनों को सभी मामलों पर सहमति मिलना असंभव है, लेकिन हम जानते हैं कि वार्तालाप और सहयोग अहम होता है, जब मतभेत हुआ, तो हमें इस का अच्छी तरह निपटारा करना चाहिए।

चीनी विदेश मंत्री यांग ने कहा कि चीन और अमेरिका के इतिहास, संस्कृति, विचारधारा, सामाजिक व्यवस्था तथा राष्ट्रीय स्थिति अलग अलग होते है, तमाम सवालों पर एक राय होना असंभव है। हमारा विचार है कि एक दूसरे के मुख्य हितों व अहम चिंताओं का समानादर करना चाहिए, यह चीन अमेरिका संबंधों के सुचालू विकास की अहम पूर्वशर्त है।

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