मंगलवार, 28 अगस्तः
27 अगस्त को भारतीय दूतावास के सांस्कृतिक केन्द्र में बांग्ला भाषा की जानी-मानी और बहुमुखी प्रतिभा की धनी लेखिका, कवयित्री, कहानीकार तथा निबंधकार नबिनीता देव सेन जी ने अपने संग्रह की चुनिंदा कविताओं का वाचन किया। इस मौके पर चीन में भारत के राजदूत डॉक्टर एस जयशंकर, भारतीय दूतावास के सांस्कृतिक कॉउंसलर अरूण साहू सहित कई जाने-माने व्यक्ति उपस्थित थे।
अस्सी से अधिक पुस्तकों को लिखने वाली नबिनीता देव सेन जी एक विपुल लेखिका हैं। जिन्होंने अलग-अलग शैलियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।
इस मौके पर अपने भाषण में भारतीय दूतावास के सांस्कृतिक सचिव अरूण साहू ने कहा कि लेखिका की सहजता, अभिव्यक्ति की अनूठी शैली, जीवन के विशाल और विविध अनुभव इनकी कविताओं, लघु कथाओं, उपन्यासों और निबंध में साफ दिखाई देते हैं। अपने लेखन में जिस तरह ये आत्मनीय संवेदनशीलता के साथ अलगाव, अपने अनुभव और व्यंग्य को निजी स्पर्श देती हैं, वह पाठकों के मन को अंदर तक भीगो कर रख देता है। नबिनीता देव सेन जी की कुछ मश्हूर बांग्ला कृतियों में बामा-बोधिनी, नीति-नबिनीता, श्रेष्ठ कविता और सीता ठेके शुरु हैं।
पद्मश्री और साहित्य अकादमी पुरस्कार के साथ-साथ कई पुरस्कारों से सम्मानित नबिनीता देव सेन जी अंतर्राष्ट्रीय स्तर की जानी-मानी कवयित्री हैं। इन्होंने हाल ही में चीनी कवि लू फिंग और यांग ल्यूहोंग की कविताओं का बांग्ला भाषा में अनुवाद किया।
कवयित्री की पुत्री नंदना सेन जो खुद भी जानी-मानी अभिनेत्री और चाइल्ड एक्टिविसट हैं, ने मौके पर मां की कविताओं का अंग्रेजी में अनुवाद किया तथा अपनी मां को समर्पित अपनी रचना की प्रस्तुति दी।
हेमा कृपलानी