वैसे भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर चीनी समेत दुनिया की तमाम भाषाओं में कई पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, लेकिन 30 जुलाई को "गांधीज़ आउटस्टैंडिंग लीडरशिप" नामक पुस्तक के चीनी में प्रकाशन के लिए समझौता पत्र पर हस्ताक्षर हुए। जिसके बाद अगले वर्ष तक औपचारिक रूप से यह पुस्तक चीनी लोगों के लिए उपलब्ध हो सकेगी। वैसे चीनी भाषा के अलावा इस किताब का स्पेनिश व पोर्चुगीज़ आदि के अलावा विभिन्न भारतीय भाषाओं में अनुवाद हो चुका है, जिसमें हिंदी भी शामिल है।
वर्तमान में भारत के पूर्व राजदूत पास्कल एलन नजरेथ द्वारा लिखित इस पुस्तक का अनुवाद क्वांगदोंग नार्मल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर शांग छुयान यू ने किया है। इस मौके पर बीजिंग स्थित भारतीय राजदूत डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि यह पुस्तक गांधी जी के साथ-साथ भारत को समझने में मदद देगी। वहीं भारत-चीन के रिश्ते भी इसके माध्यम से प्रगाढ़ होंगे।
चीनी कमर्शियल प्रेस के ल्यू त्यान यू ने महात्मा गांधी को न केवल भारतीय लोगों बल्कि दुनिया के लिए भी एक आदर्श व्यक्ति बताते हुए कहा कि उनकी नेतृत्वकारी क्षमता के हम सभी कायल हैं।
गौरतलब है कि गांधी जी को लेकर दुनियाभर में 800 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जो कि सत्य व अहिंसा और सत्याग्रह आदि पर आधारित हैं। लेकिन उनकी नेतृत्वकारी प्रतिभा के बारे में बहुत कम यानी नहीं के बराबर हैं। ऐसे में गांधीज़ आउटस्टैंडिंग लीडरशिप पुस्तक के ज़रिए उनकी नेतृत्व संबंधी प्रतिभा को सामने लाने की कोशिश की गई है।
अनिल पाण्डेय