चीन अफ्रीका सहयोग मंच का पांचवां मंत्री स्तरीय सम्मेलन हाल ही में पेइचिंग में समाप्त हुआ। सम्मेलन में चीन सरकार द्वारा प्रस्तुत चीन व अफ्रीका के बीच शांति सुरक्षा सहयोग व साझेदारी प्रस्ताव का अफ्रीकी देशों का व्यापक समर्थन मिला है। चीन अफ्रीका सहयोग के अध्ययन में लगे विशेषज्ञों का कहना है कि चीन के इस प्रस्ताव ने चीन अफ्रीका सहयोग के क्षेत्रों का विस्तार किया है और अपनी सुरक्षा के लिए अफ्रीकी देशों की शक्ति बढ़ाने में मदद दी है।
पांचवें मंत्री स्तरीय सम्मेलन में चीनी राष्ट्राध्यक्ष हु चिनथाओ ने चीन सरकार की ओर से यह घोषणा कीः
चीन चीनी अफ्रीकी शांति सुरक्षा सहयोग के बारे में साझेदारी प्रस्ताव पेश करेगा, जिसके जरिए चीन अफ्रीकी संघ व अफ्रीकी देशों के साथ अफ्रीका के शांति व सुरक्षा क्षेत्र में सहयोग गहरा करेगा, अफ्रीकी संघ को शांति रक्षा कार्य और परंपरागत फौजी निर्माण में पूंजीगत समर्थन देगा और अफ्रीकी संघ के लिए अधिक शांति व सुरक्षा मामले के जिम्मेदार अफसरों व शांति रक्षा कर्मियों को प्रशिक्षित करेगा ।
चीनी अन्तरराष्ट्रीय मामला अध्ययन प्रतिष्ठान के उप प्रधान ल्यू योफा ने कहा कि अफ्रीकी देशों के सामने वर्तमान फौरी काम आर्थिक विकास करना है, जबकि इन सालों में अफ्रीका में सुरक्षा के क्षेत्र में चुनौतियां कम नहीं हुईं, इन चुनौतियों से कुछ हद तक अफ्रीकी देशों का आर्थिक विकास बाधित हो गया। ऐसी स्थिति में चीन ने जो शांति व सुरक्षा सहयोग का प्रस्ताव दिया है, वह बाहरी तौर पर चीन अफ्रीका संबंधों के विकास को प्रबल समर्थन कर सकेगा । उन्होंने कहाः
इधर के सालों में अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय संकठ के कारण अफ्रीका में परंपरागत व गैर परंपरागत सुरक्षा क्षेत्रों में नयी नयी चुनौतियां सामने आयी हैं, जिससे कुछ अफ्रीकी देशों में सुरक्षा के लिए खतरा पैदा हुआ और देश के भीतर मुठभेड़ और पड़ोसी देश के साथ युद्ध छिड़े, इससे देश के बहुत कम संसाधनों का और अधिक खर्च हुआ । इसके साथ गैर परंपरागत सुरक्षा के क्षेत्र में आतंकवाद, हथियारों का प्रसार, सीमापार अपराध तथा समुद्री लुटेरों का खतरा भी बढ़ गया, जिससे कुछ अफ्रीकी देशों के आर्थिक व सामाजिक विकास के लिए सुरक्षा पर असर पड़ा। लिहाजा, चीन अफ्रीका सहयोग मंच के पांचवें मंत्री स्तरीय सम्मेलन ने इस अहम सवाल पर सहयोग बढ़ाने का निश्चय किया, ताकि चीन अफ्रीका संबंधों के स्वस्थ व स्थिर विकास के लिए शांति व सुरक्षा के क्षेत्र में एक बाह्य समर्थन दिया जाए।
श्री ल्यू योफा ने कहा कि चीन अफ्रीका सहयोग पहले मुख्यतः राजनीतिक, आर्थिक व व्यापारिक क्षेत्र में केन्द्रित है, अब जो शांति व सुरक्षा के सहयोग का प्रस्ताव प्रस्तुत हुआ है, उससे द्विपक्षीय सहयोग का क्षेत्र विस्तृत हो गया है और यह सहयोग समानता व आपसी लाभ पर आधारित भी है। उन्हों ने कहाः
मेरे विचार में चीन और अफ्रीका के बीच शांति व सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग गैर परंपरागत सुरक्षा क्षेत्र का सहयोग है और यह एक नया क्षेत्र है। इस प्रकार का सहयोग दक्षिण दक्षिण सहयोग के ढांचे में समानता व आपसी लाभ पर आधारित सहयोग है। अफ्रीका के 54 देशों और चीन के सामने समान तौर पर चुनौतियां व मौके आने पर दोनों पक्ष सहयोग के नए क्षेत्रों के विकास की योजना बना सकते हैं।
इधर के सालों में, चीन अफ्रीका सहयोग गहरा होने के साथ साथ दोनों पक्षों के बीच व्यक्तियों की आवाजाही भी लगातार बढ़ती जा रही है। बहुत से चीनी लोग अफ्रीका में नौकरी करने, जीवन बिताने तथा यात्रा करने जाते हैं और बहुत से चीनी कारोबार भी अफ्रीका में पूंजी निवेश करते हैं, इसलिए अफ्रीका में शांति व स्थिरता वहां रहने वाले चीनी लोगों के हितों से भी जुड़ा है। श्री ल्यू योफा ने कहा कि इसी कारण, चीन को अफ्रीकी देशों को शांति व सुरक्षा के क्षेत्र में अनुभव प्रदान करना चाहिए, उन्हें वित्तीय सहायता देनी चाहिए और मानव संसाधनों को प्रशिक्षित करने में मदद देनी चाहिए, यह दोनों पक्षों के लिए हितकारी सिद्ध होगा।
उन्होंने कहा कि शांति रक्षा में सहयोग बढ़ाने से चीन और अफ्रीका ऐसे लक्ष्य प्राप्त कर सकेंगे। एक, अफ्रीका महाद्वीप में सामूहिक उत्थान प्राप्त होगा, अफ्रीकी देशों के विकास के लिए शांति व स्थिरता मुहैया करायी जाएगी। दो, अफ्रीकी देशों में सामाजिक स्थिरता बनाए रखने की अपनी शक्ति बढ़ायी जाएगी। तीन, अफ्रीकी देशों के बीच सहयोग बढ़ाने से इस महाद्वीप में शांति की सुरक्षा के लिए सामूहिक क्षमता उन्नत की जा सकेगी।