रियो डे जैनेरो में संयुक्त राष्ट्र सतत विकास सम्मेसन के आयोजन के दौरान भारतीय अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने 19 जून को भारत में स्थित चीनी दूतावास के अंतरिम कार्यदूत डेंग सी-जून का एक लेख प्रकासित किया,जिसका नाम है सतत विकास के लिये आगे बढ़ो।
इस लेख के अनुसार संयुक्त राष्ट्र सतत विकास सम्मेसन 20 से 22 जून तक ब्राज़िल के रियो डे जैनेरो में आयोजित हुआ। इस में सतत विकास और गरीबी –उम्मुलन की पृष्ठभूमि में हरित अर्थव्यवस्था और सतत विकास-प्रणाली पर चर्चा हुई,इसके साथ पिछले 20 वर्षों में सतत विकास में प्राप्त कामयाबियों की समीक्षा की गई और नई समस्याओं एवं चुनौतियों से निपटने पर भी सकारात्मक विचार व्यक्त किए गए।
गौरतलब है कि सतत विकास की प्रक्रिया में चीन, भारत और अन्य विकासशील देश असमान विकास, क्षेत्रीय पर्यावरण प्रदूषण, जनसंख्या में वृद्धि व गरीबी आदि समस्याओं का सामना कर रहे हैं। चीन सरकार सतत विकास के लिये प्रयास कर रही है और इसे राष्ट्रीय रणनीति मानती है। इसके तहत इस क्षेत्र में चीन ने असाधारण उपलब्धियों प्राप्त की हैं और कुछ अनुभव भी अर्जित किए हैं। वास्तव में मूल्य के प्रति चीन के पारंपरिक दृष्टिकोण ने सतत विकास को प्रतिबिंबित किया है।
चीन का विकास संसार से अलग नहीं हो सकता और संसार का सतत विकास चीन से अलग नहीं हो सकता। चीन सरकार द्विपक्षीय व बहुपक्षीय अंतरराष्ट्रीय सहयोगों पर ध्यान देती है और इन सहयोगों को बढाने के लिये प्रयास कर रही है। चीन ने बहुत से देशों के साथ संसाधनों व पर्यावरण और आपदाओं की रोकथाम और उन में कमी लाने आदि क्षेत्रों में सहयोग किये हैं। इसके अलावा चीन ने संयुक्त राष्ट्र के संबंधित संगठनों व एजेंसियों के साथ भी सतत विकास के बारे अधिक परियोजनाओं पर सहयोग किए हैं।
चीन ने समानता व पारस्परिक लाभ वाले सिद्धांतों का पालन करते अन्य विकासशाली देशों एवं अल्प विकसित देशों को मदद दी है।
चीन और भारत दुनिया में दो उभरते विकासशील देश हैं और दोनों देशों की आबादी विश्व जनसंख्या का एक तिहाई भाग बनती है। चीन रियो प्सल 20 शिखर सम्मेलन की भावना के अनुसार भारत के साथ सौहार्दपूर्ण एवं निष्कपटतापूर्ण सहयोग करना चाहता है,ताकि दोनों देशों व अन्य विकासशाली देशों के संबंधित अधिकारों एवं हितों की रक्षा की जा सके। चीन को आशा है कि संयुक्त राष्ट्र सतत विकास सम्मेलन से अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में नई जीवनी शक्ति का संचार होगा।
(हैया)