चीन व दक्षिण एशिया के आठ देशों द्वारा 5 जून को खुनमिंग में प्रथम शिक्षण मंच आयोजित किया गया, जिसमें प्रतिभाओं की तैयारी की व्यवस्था पर विचार-विमर्श किया गया।
वर्तमान मंच का विषय है मानव संसाधन का विकास, भविष्य के सहयोग के लिए नयी शक्ति तैयार करें। दक्षिण एशिया के आठ देशों के 11 विश्वविद्यालयों व अनुसंधान संस्थानों ने मंच में भाग लिया। उन्होंने चीन व दक्षिण एशिया के सहयोग के सामने मौजूद प्रतिभाओं की चुनौती और प्रतिभाओं की तैयारी पर विचार विमर्श किया।
चीनी शिक्षा मंत्रालय के अंतरराष्ट्रीय सहयोग व आदान-प्रदान विभाग के अधिकारी ल्यु पाओ ली ने कहा कि मानव संसाधन तैयार करना सामाजिक विकास में समान रुचि वाला सवाल है। चीन व दक्षिण एशिया के देशों को एक दूसरे से सीखते हुए समान विकास करना चाहिए। भविष्य में चीन छात्रवृत्ति का कोटे लगातार बढ़ाएगा और चीन में पढ़ाई कर रहे विदेशी छात्रों के लिए अनुकूल स्थिति तैयार करेगा।
भारतीय सिक्किम विश्वविद्यालय के उप कुलपति महेंद्र राम ने कहा कि चीन व दक्षिण एशिया के मानव संसाधन में सहयोग से वाणिज्य व व्यापार, संस्कृति के विकास के लिए अच्छा आधार तैयार होता है। विश्वविद्यालयों को छात्रों व शिक्षकों का आदान-प्रदान व वैज्ञानिक अनुसंधान के परिणामों का समान उपभोग समेत कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना चाहिए।
(मीनू)