हमलोगों की यात्रा बहुत कठिन है। हमलोग पेइचिंग से यात्रा शुरू करने के बाद पहले दक्षिण अफ्रीका गये, उसके बाद अमरीका फिर अर्जेंटिना आदि देश पहुंचे, इस तरह से हम ने 6 बार भूमध्यरेखा को आरपार किया।
चांग क्वांग चु के परिचय के अनुसार, उन की यह विश्व यात्रा दक्षिण अफ्रीका से शुरू होकर ऑस्ट्रेलिया में समाप्त हुई। यात्रा के दौरान उन्होंने दक्षिणी गोलार्द्ध के 14 देशों की यात्रा की थी। सबसे आश्चर्यजनक बात तो यह है कि दोनों पति पत्नी ने इस यात्रा के दौरान दक्षिणी ध्रुव जाने के लिए आइस बोट का टिकट खरीदा और कुछ युवा लोगों के साथ आइस बोट की सवारी भी की और उन्होनें अन्टार्कटिका की बर्फीली धरती पर कदम रखा।
जब हमलोग वहां थे तो आकाश में हमेशा बादल छाया रहता था, इसलिए सूर्य का दर्शन नहीं हो सका। वहां पर सिर्फ दूर-दूर क्षितिज पर सफेद सफेद चमक रहा था। आकाश पूरी तरह नीला था। यह दृश्य बहुत आश्चर्यजनक था, लेकिन बहुत सुंदर भी था। क्योंकि वहां पर कोई पेड़-पौधा नहीं था। बहुत से जगहों पर पेंग्वीन भी नहीं दिखाई दे रहा था, उस समय लगता था जैसे हमलोग पृथ्वी के अंतिम सिरे पर पहुंच गये हों।