दोस्तो , हाल में पेइचिंग में जारी कोहरा व धुंधले मौसम से लोगों का ध्यान पिछले कई सालों से लागू वायु गुणवत्ता मापदंड पर गया हुआ है । चीनी वातावरण संरक्षण मंत्री चओ शंग श्येन ने 21 दिसम्बर को पेइचिंग में इस का उल्लेख करते हुए कहा कि नया वातावरण व वायु गुणवत्ता मापदंड शीघ्र ही निर्धारित करने की कोशिश की जा रही है । अगले वर्ष पेइचिंग और शांगहाई जैसे प्रमुख क्षेत्र नये मापदंड से वातावरण का निरीक्षण करने में पहल कर देंगे, यह नया मापदंड कदम ब कदम अंतर्राष्ट्रीय मापदंड से जुड़ जाएगा , ताकि वातावरण के मूल्यांकन का परिणाम जनसमुदाय के महसूस का अनुरुप हो सके , यह ऊर्जा की किफायत और कम उत्सर्जन को बढावा देने के लिये चीन के मुख्य कार्यों में एक भी है ।
चओ शंग श्येन ने उसी दिन राष्ट्रीय वातावरण संरक्षण कार्य सम्मेलन में बारंबार जोर देते हुए कहा कि वातावरण गुणवत्ता में बदलाव वातावरण संरक्षण का शाश्वत विषय रहा है , ताकि वायु समेत अनेक वातावरण गुणवत्ता मापदंड जन समुदायों की मांग को अभिव्यक्त किया जा सके ।
वायु , जल और जमीन आदि वातावरण गुणवत्ता मापदंड को सुधारना आवश्यक है , ताकि निरीक्षण आंकड़े लोगों के महसूस का अनुरुप हो सकें । वातावरण संरक्षण कार्य के लिये जनसमुदायों की इच्छा और मांग को पूर्ण रुप से अभिव्यक्त करना और व्यापक जनसमुदायों की शक्तियों को जुटाना जरूरी है ।
चीन में वातावरण मामला जनजीवन का आम सवाल बन गया है , गम्भीर वातावरण प्रदूषण घटना से व्यापक गहन चर्चा उत्पन्न होती है । हाल ही में पेइचिंग में जारी कोहरा और धुंधले मौसम से आम शहरवासियों का ध्यान विशेष वातावरण संरक्षण शब्दों पर केद्रित हुआ है , मसलन बारीकी कणों यानी पी एम 2.5 और चीन में कार्यांवित निरीक्षण मापदंडों पर शंका पैदा हुई है । कुछ वैज्ञानिक अनुसंधानों के अनुसार वायु मंडल में व्याप्त 2 . 5 माइक्रोन से कम या वराबर व्यास वाले बारीकी कण वाहनों और औद्योगिक प्रदूषण से पैदा हुए हैं , जो शारीरिक स्वास्थ्य के लिये हानिकर हैं ।
चओ शंग श्येन का विचार है कि जन समुदायों की जागर्ति वातावरण संरक्षण कार्य के विकास के लिये लाभदायक है । उन्होंने कहा कि पी एम 2.5 , ओजोन और कार्बन मोनोआक्साइड के निरीक्षण लक्ष्य समेत वातावरण व वायु गुणवत्ता मापदंडों में संशोधन यथाशीघ्र ही करना चाहिये । ये तीन लक्ष्य अंतर्राष्ट्रीय जगत में सामान्य लक्ष्य ही हैं ।
हमारे देश में भिन्न क्षेत्रों में वातावरण की दूषित विशेषताओं , आर्थिक विकास स्तरों और वातावरण प्रबंधनों में काफी बड़ा अंतर मौजूद है , नये लक्षित निरीक्षण के लिये उपकरणों व साज सामानों को लगाने , आंकड़ों व गुणवत्ता पर नियंत्रण करने और पेशेवरों का प्रशिक्षण करने समेत सिलसिलेवार तैयारियों का काम करना जरूरी है । यह वातावरण संरक्षण के लिये बेहद महत्वपूर्ण मामला है , इसे बखूबी अंजाम देना चाहिये , ताकि जनता इस पर संतुष्ट हो ।
चीनी वातावरण मंत्रालय की वार्षिक योजना के अनुसार 2012 में पेइचिंग , शांगहाई और क्वांगचओ समेत कुछ प्रमुख क्षेत्रों और केंद्र शासित शहरों में पी एम 2.5 और ओजोन का निरीक्षण किया जायेगा । 2013 में सौ से ज्यादा शहरों में उक्त निरीरक्षण किया जायेगा . जबकि एक जनवरी 2016 तक समूचे देश में नये मापदंडों के अनुसार वातावरण व वायु गुणवत्ता का निरीक्षण और मू्ल्यांकन किया जायेगा और इस से जुड़ने वाले सभी परिणाम भी सार्वजनिक किये जाएंगे ।
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम का उद्देश्य चीनी वातावरण गुणवत्ता मापदंडों को अंतर्राष्ट्रीय मापदंडों के साथ जोड़ना है । चीन में वर्तमान वातावरण के गम्भीर प्रदूषण के मद्देनजर उक्त लक्ष्यों को साकार बनाने के लिये और बहुत ज्यादा काम करना बाकी हैं । जटिल तकनीकी डिजाइनों के अलावा प्रदूषण को दूर करना भी अत्यावश्यक है , यह वायु मंडल की गुणवत्ता को सुधारने का मूल आधार ही है ।
चओ शंग श्येन ने जारी 2012 प्रमुख कार्य प्रस्ताव में स्पष्टतः कहा है कि प्रमुख वातावरण सुधार क्षेत्रों में विविध प्रदूषकों पर नियंत्रण करने के साथ साथ पिछड़ी उत्पादन क्षमता वाले कारोबारों को रद्द किया जाएगा और वाहनों के गम्भीर प्रदूषण की रोकथाम की जायेगी । यह जरुरी है कि स्वच्छ ऊर्जा के प्रयोग को बढावा दिया जाये , ताप बिजली , लौहा इस्पात और तेल रसायन जैसे प्रमुख कारोबारों के प्रदूषकों की विशेष उत्सर्जन सीमा निश्चित की जाये और प्रदूषकों की कुल उत्सर्जन मात्रा बड़ी हद तक कम की जाये । मोटर वाहनों के प्रदूषण की रोकथाम के लिये ईंधन की क्वालिटी उन्नत की जाये । क्षेत्रीय वातावरण गुणवत्ता की पूर्वचेतावनी प्रणाली कायम कर जोखिमभरी सूचनाओं को पहचानने व पूर्वचेतावनी देने की क्षंमता को मूर्त रुप दिया जाये , गम्भीर प्रदूषित वातावरण जारी रहने पर समयानुकूल आपातकालीन तंत्र लागू कर लोगों को यात्रा करने और निर्वाह करने में निर्देशन किया जाये ।