दोस्तो , सिनच्यांग हामी शहर से चंग चओ शहर तक पहुंचने वाली 800 केवी एचवीडीसी परियोजना का अनुमोदन किये जाने के चलते सिनच्यांग के संसाधन को श्रेष्ट बनाने का नया तरीका रुप शुरु हो गया है । ऊर्जा के विकास को प्रधानता पर देने वाले इस नये आयाम से सिनच्यांग ने प्रमुख रणनीतिक अड्डे का रुप ले लिया है ।
उत्तर पश्चिम चीन के विशाल सिनच्यांग में चार बड़े कोयले अड्डे क्रमशः तूहा, च्यूनतुंग , ईली और खूपे में बिखरे हुए हैं । जिन में हामि शहर सिनच्यांग का पूर्वी गेट ही नहीं , भीतरी इलाके से सब से नजदीक शहर भी है , साथ ही वह सिनच्यांग की बिजली की सप्लाई पूर्व की ओर पहुचायी जाने वाले सेतुदुर्ग की भूमिका निभाता है । हामि शहर से तीसेक किलोमीटर की दूरी पर स्थित विशाल गोबी रेगिस्थान पर हामि से चंगचओ तक पहुंचने वाली 800 केवी एचवीडीसी परियोजना की स्वीकृति राज्य ने अभी अभी कर ली है , जिस से सिनच्यांग के संसाधन को श्रेष्ट बनाने का दूसरा नया रुप शुरु हो गया है , संसाधन के विकास को प्रधानता पर देने वाला यह आयाम सिनच्यांग को रास्ते के सराय से प्रमुख अड्डे का रुप दे दिया है , साथ ही केंद्रीय सरकार ने सिनच्यांग को अभूतपूर्व जबरदस्त समर्थन भी दिया है । वर्तमान में इस परियोजना का प्रारम्भिक काम कदम ब कदम शुरु हो गया है । हामि शहर के विद्युत उद्योग ब्यूरो के प्रधान चू कन फ़ांग ने कहा कि हामि से चंगचओ तक पहुंचने वाली एचवीडीसी परियोजना न सिर्फ हामि के कोयला संसाधन को बिजली में बदला सकती है , बल्कि सिनच्यांग के स्थानीय पुनरुत्पादनीय पवन संसाधन और सौर ऊर्जा संसाधन को बिजली के रुप में बदलकर ताप बिजली के साथ सिनच्यांग के बाहर भेजने में सक्षम भी है ।
वर्तमान में हामि से चंगचओ तक पहुंचने वाली एचवीडीसी परियोजना पूर्ण रुप से शुरु हो गयी है , आगामी 2013 तक सिंगल मशीन फिर 2014 में डबल मशीन उत्पादन में लायी जाएगी । यह एचवीडीसी परियोजना दूरी और बड़ी क्षमता वाले विद्युत का संचार पहुंचाने में समर्थ भी है । हमारे हामि के कोयला संसाधन को तत्स्थल पर ही बिजली में बदला जाता है , फिर उस की सप्लाई हवाई बिजली सुपर हाईवे के माध्यम से भीतरी लोड केंद्रों में पहुंचायी जाएगी , इस परियोजना की पर्याप्त बिजली बदलने के लिये करीब दो करोड़ टन कोयले की जरूरत पड़ती है । दूसरी तरफ एचवीडीसी परियोजना के निर्माण के बाद हमारे हामि के श्रेष्ठ पुनरुत्पादनीय पवन ऊर्जा और सौर ऊर्जा को बिजली में बदलाकर ताप बिजली के साथ भीतरी लोड केंद्रों में पहुंचाया जायेगा , यह हमारे हामि के पुनरुत्पादनीय ऊर्जाओं के पूर्ण प्रयोग में बड़ी भूमिका निभाएगा ।
सिनच्यांग के बिजली नेट और उत्तर पश्चिमी नेटवर्किंग की प्रमुख परियोजना की हैसियत से पिछले एक वर्ष में सिनच्यांग से कानसू प्रांत के क्वा चओ तक पहुचने वाली 750 किलोवोल्ड विद्युत सप्लाई परियोजना के विभिन्न आंकड़े स्थिर रुप से काम कर रहे हैं , यह इस बात का द्योतक है कि सिनच्यांग का प्रथम बिजली सुपर हाईवे पूरी तरह काम में लाया गया है । हामि ट्रांसफार्मर सबस्टेशन में कार्यरत कर्मचारी याओ काउ फू ने इस का परिचय देते हुए कहा हामि ट्रांसफार्मर सबस्टेशन को काम में लाये जाने के बाद सिनच्यांग के बिजली नेट की विश्वसनीयता और स्थिरता मजबूत हो गयी है ।
रिपोर्ट के अनुसार लम्बी दूरी तक कोयले के परिवहन की प्रक्रिया में हद से ज्यादा हानि , कठिन नियंत्रण , मौसम और रुकावट आदि तत्वों से कोयले उद्योग का विकास बाधित हो गया है , एचवी विद्युत उत्पादन परियोजना सिनच्यांग के कोयला संसाधन को दूसरे ऊर्जा में बदलने का दूसरा रुप और प्रभावी पूरक भी है , हामि से चंगचओ तक पहुंचने वाली 800 केवी एचवीडीसी परियोजना को उदाहरण लीजिये , प्रारम्भिक अनुमान के अनुसार इस परियोजना के निर्माण के बाद साल में होनान प्रांत को औसत 37 अरब किलोवाट से अधिक बिजली की सप्लाई की जा सकती है , इस का अर्थ है कि इतनी ज्यादा बिजली बदलने में एक करोड़ 80 लाख टन से अधिक कोयले की जरूरत होगी ।
हामि से चंगचओ तक पहुंचने वाली 800 केवी एचवीडीसी परियोजना के अलावा भावी पांच सालों में सिनच्यांग में हामि से छंगतू तक पहुंचने वाली 800 केवी एचवीडीसी परियोजना और च्युन तुंग से छुंगछिंग तक पहुंचने वाली 1100 केवी एचवीडीसी परियोजना का निर्माण भी किया जायेगा ।