अंतरिक्ष कक्षा में थ्येनकुंग नम्बर एक और शनचो नम्बर आठ यानों के डॉकिंग की सफलता पर प्रशस्ति समारोह 16 दिसम्बर को पेइचिंग में आयोजित हुआ, चीनी राष्ट्राध्यक्ष हु चिनथाओ ने इस उच्च स्तरीय समारोह में चीन के अंतरिक्ष में वैज्ञानिक कार्य के भावी विकास के बारे में अहम भाषण दिया और थ्येनकुंग नम्बर एक और शनचो नम्बर आठ अंतरिक्ष यानों के सफल डॉकिंग को अंतरिक्ष यान तकनीक की एक बड़ी प्रगति करार की और कहा कि चीन शांति के उद्देश्य में अंतरिक्ष में वैज्ञानिक काम करता रहेगा और विश्व के सभी देशों के साथ सहयोग बढ़ाएगा।
आज से एक महीना पहले, चीन के स्वनिर्मित थ्येनकुंग नम्बर एक और शनचो नम्बर आठ अंतरिक्ष यानों का सफल डॉकिंग हुआ, इसतरह चीन विश्व का ऐसा तीसरा देश बना है जिसने अंतरिक्ष में यानों के डॉकिंग की तकनीकों में महारत हासिल की है। इस अहम सफलता के उपलक्ष्य में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की केन्द्रीय कमेटी, राज्य परिषद तथा केन्द्रीय फौजी आयोग ने 16 दिसम्बर को पेइचिंग में एक प्रशस्ति समारोह का आयोजन किया और चीनी अंतरिक्ष उड़ान परियोजना में विशेष योगदान किए समूहों व व्यक्तियों को पुरस्कार से नवाज किया।
समारोह में पेइंचिंग अंतरिक्ष उड़ान कंट्रोल केन्द्र, अंतरिक्ष विज्ञान तकनीक गुट के नम्बर पांच प्रतिष्ठान के शोधकर्ता श्री वांग श्यांग आदि समूहों व व्यक्तियों को पुरस्कार व खिताब प्रदान किए गए।
समारोह में चीनी राष्ट्राध्यक्ष हु चिनथाओ ने भाषण देते हुए कहा कि थ्येनकुंग नम्बर एक और शनचो नम्बर आठ के सफल डॉकिंग का मील के पत्थर का महत्व होता है। उन्होंने कहाः
थ्येनकुंग नम्बर एक तथा शनचो नम्बर आठ यानों के डॉकिंग में प्राप्त सफलता इस का प्रतीक है कि चीन ने अंतरिक्ष में यानों के डॉकिंग की तकनीकों में बड़ी प्रगति पायी है। यह चीन के समानव अंतरिक्ष उड़ान परियोजना में एक मील का पत्थर है और चीनी राष्ट्र के लिए बाह्य अंतरिक्ष में अन्वेषण के लिए एक असाधारण योगदान है।
समारोह में पेइचिंग अंतरिक्ष उड़ान कंट्रोल केन्द्र को असाधारण योगदान देने वाले समूह का पुरस्कार दिया गया है, जिसने अंतरिक्ष यानों के डॉकिंग में कक्षा निश्चित करने तथा नियंत्रण करने का अहम कार्य निभाया था और डॉकिंग की सफलता की गारंटी की थी। कंट्रोल केन्द्र के डायरेक्टर थन होंगमिन ने कहाः
अंतरिक्ष यानों की उड़ान पर नियंत्रण सफलता की एक कुंजीभूत कड़ी है। हम ने इस के लिए ढेर सारी तैयारियां की थीं और उड़ान के नियंत्रण के लिए कुंजीभूत तकनीकों का समाधान किया है। हमारे केन्द्र के सभी लोगों के समान प्रयासों के फलस्वरूप थ्येनकुंग एक और शनचो आठ के सटीक रूप से कक्षा में स्थापित होने, सटीक जोड़ने, यौगिक यान के रूप में साथ साथ उड़ने तथा अंत में सुरक्षित तौर पर धरती पर वापस आने का लक्ष्य प्राप्त हुआ है।
अंतरिक्ष में उड़ान भरना चीनियों का सदियों पुराना सपना है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए चीन ने वर्ष 1999 में शनचो नम्बर एक छोड़ा, इसके बाद शनचो यान की हरेक उड़ान से चीनियों में बड़ा उत्साह दिया गया है। चीनी समानव अंतरिक्ष उड़ान योजना के अनुसार चीन ने पिछले दसेक सालों में मानव युक्त यानों की वापसी, यान-कक्ष से बाहर कार्यवाही और यानों के डॉकिंग आदि सिलसिलेवार अहम तकनीकों पर अधिकार किया है और अंतरिक्ष उड़ान तकनीकों में भारी प्रगति प्राप्त हुई है।
चीनी राष्ट्राध्यक्ष हु चिनथाओ ने अपने भाषण में कहा कि विज्ञान तकनीक के सकल स्तर पर चीन विश्व के समुन्नत स्तर से काफी पिछड़ा है, इसलिए चीन के सामने इस के क्षेत्र में बहुत काम करने को बाकी है। उन्होंने कहाः
इस के लिए चीन को स्वतंत्र व स्वालंबन विकास पर कायम रहना चाहिए, सृजन का रास्ता अपनाना चाहिए तथा अपनी अर्थव्यवस्था व जनजीवन की सेवा पर कायम रहना चाहिए। भविष्य में चीन दूरदृष्टि से अनवरत विकास के रास्ते पर आगे बढता जाएगा।
उन्होंने कहा कि अनंत अंतरिक्ष मानव जाति की समान संपत्ति है, अंतरिक्ष संसाधनों का उपयोग मानव की समान अभिलाषा है। चीनी जनता विश्व के सभी देशों की जनता के साथ मिलकर शांति के उद्देश्य में अंतरिक्ष के विकास की सही दिशा पर डटे रहेगी और अंतरिक्ष क्षेत्र के साथ विभिन्न विज्ञान तकनीक क्षेत्रों में अन्तरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाएगी।