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अमेरिका द्वारा पाक को 70 करोड़ डालर की सहायता पर रोक
2011-12-14 16:14:41

अमेरिकी कांग्रेस के दोनों सदनों ने 12 दिसम्बर को पाकिस्तान को सहायता देने के एक पैकेज पर रोक लगाने की घोषणा की, घोषणा के अनुसार अमेरिका पाकिस्तान को 70 करोड़ डालर की एक सहायता पैकेज पर रोक लगाएगा जिस का मकसद पाकिस्तान को अफगानिस्तान में तैनात नाटो की सेना पर देशी बम से हमला करने वाली सशस्त्र शक्तियों के खिलाफ प्रहार करने पर मजबूर करना है। पाक पक्ष ने अमेरिका को यह चैतवानी दी है कि उस के इस फैसले से बिगड़ चुके पाक अमेरिका संबंध को और नुकसान पहुंचेगा।

पाक वैदेशिक संबंध समिति के अध्यक्ष सलिम सैफुल्लाह ने 13 दिसम्बर को चैतावनी देते हुए कहा कि पाक को 70 करोड़ डालर देने के पैकेज पर रोक लगाने के बारे में अमेरिका के फैसले से तनाव में पड़े पाक अमेरिका संबंध को और बड़ा नुकसान पहुंचेगा, जो दोनों पक्षों के लिए हानिकर होगा। हालांकि अब तक पाकिस्तान के अन्य किसी भी उच्च स्तरीय अधिकारी ने अमेरिका के इस फैसले पर बयान नहीं दिया। लेकिन 26 नवम्बर को नाटो के विमानों द्वारा पाकिस्तान की जांच चौकियों पर हमला किए जाने की घटना पर पाक पक्ष का तेवर अभी तक चढ़ा रहा है। पाक प्रधान मंत्री गिलानी ने 13 तारीख को पाक सेनाध्यक्ष खालिद शमिन वीने से मुलाकात के समय फिर एक बार कहा कि पाक सरकार का रूख बहुत स्पष्ट है यानी पाक प्रभुसत्ता का उल्लंघन करने की नाटो की कार्यवाही अस्वीकार्य है। ऐसे वक्त, अमेरिका ने पाक को सहायता देना बन्द करने का जो फैसला लिया है, उस से पाक अमेरिका संबंध अवश्य ही और बिगड़ जाएगा तथा पाक लोगों में अमेरिका विरोधी भावना और अधिक भड़क जाएगी। असल में पाकिस्तान अमेरिका के इस फैसले को उस के वर्तमान रूख का एक संकेत समझता है।

2001 में अफगानिस्तान युद्ध छिड़ने के बाद अमेरिका ने पाक को करीब 20 अरब डालर की सैनिक व आर्थिक सहायता दी है, जिन के अधिकांश भागों का सशस्त्र शक्तियों पर प्रहार करने में किया गया। अमेरिका की इस प्रकार की सहायता के साथ शर्तें भी लगी हैं, जैसाकि उस ने पाक से पाक अफगान सीमांत में सक्रिय हक्कनी नेटवर्क संगठन का दमन करने की मांग की है, क्योंकि अमेरिका की दृष्टि में नाटो की सेना पर हमला बोलने की कार्रवाइयों में हक्कनी संगठन ने अफगान तालिबान का समर्थन किया है। यद्यपि पाकिस्तान ने आतंक का विरोध करने में भारी कीमत चुकायी है, तथापि अमेरिका उस से संतुष्ट नहीं हुआ। अल कायदा के सरगना बिन लादेन को मार डाले जाने के बाद अमेरिका के बहुतसे सांसदों ने पाक पर बिन लादेन को छुपाने का आरोप लगाया और सरकार से पाक को सहायता देना बन्द करने की अपील की। जुलाई के महीने में ओबामा प्रशासन ने पाकिस्तान को 80 करोड़ डालर की सैनिक सहायता देने को बन्द कर दिया। जब नाटो के हवाई हमले से 24 पाक सैनिकों की जान चली और पाकिस्तान में इस पर जबरदस्त प्रतिक्रियाएं हुईं. तो पाक पक्ष ने बदला लेने के कुछ कदम भी उठाए, जिसके कारण अमेरिका को अपनी सेना को पाक के शामसी हवाई अड्डे से हटाना पड़ा, इसे अमेरिका अपना अपमान समझता है। फिर पाक ने अफगानिस्तान में रसद पहुंचाने की नाटो की सप्लाई लाइन को भी काट दिया, ऐसे में अमेरिका द्वारा बदला लेने का कदम उठाना कोई आश्चर्यजनक बात नहीं है। इस बार पाक को सहायता देने पर रोक लगाना अमेरिका के इसी प्रकार के प्रतिशोध लेने की एक साक्षित कार्यवाही ही है।

इस साल में पाक अमेरिका संबंध को बारंबार क्षति पहुंचती रही है। साल के शुरू में राईमोंड डेविस के द्वारा पाकिस्तानियों को गोली चलाकर मार गिराने की घटना से लेकर मई के शुरूआती समय में अमेरिकी सेना द्वारा सीमा पार कर बिन लादेन को मार डाले जाने की घटना तक, फिर नवम्बर के माह में नाटो ने पाक चौकियों पर जो हमला बोला है उससे पाकिस्तान की सहने की अंतिम हद से चुनौति हुई है, इसी के कारण दोनों के बीच बार बार झगड़े रहे और अब तक उन के संबंध न्यूनतम सीमा पर आ पहुंचे है। यों दोनों पक्ष राजनयिक मौकों पर संबंधों को अच्छा बनाए रखने की बयां करते हैं, किन्तु अफगानिस्तान में परिस्थिति बदलने के साथ साथ पाक अमेरिका संबंधों में भी परिवर्तन आ गया और दस साल तक चला आतंक विरोधी गठबंधन अब भंग होने की कगार पर पहुंचा। ऐसी स्थिति में पाकिस्तान को अमेरिका के साथ अपने संबंध पर पुनः विचार करना जरूर होगा।

12 व 13 दिसम्बर को पाक मंत्रालय ने पाक स्थित 15 देशों के राजदूतों के साथ बैठक बुलाई, जिस में पाक की विदेश नीति का सिन्हावलोकन किया गया और पाक अमेरिका संबंध एवं पाक पड़ोसी देशों के संबंधों पर विचार विमर्श हुआ। पाक विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने कहा कि पाकिस्तान किसी देश के साथ संबंध तोड़ना नहीं चाहता और किसी देश से झगड़ा भी नहीं चाहता. पाक अमेरिका संबंध अभी सामान्य रहा है। इस के लिहाज से अमेरिका द्वारा पाक को सहायता देना बन्द किये जाने की घटना पर पाक कौन सा रूख अपनाएगा, अभी देखना बाकी है।

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