दोस्तो , विश्व व्यापार संगठन में चीन की भागीदारी की दसवीं वर्षगांठ के उपलक्ष में चीनी राज्य परिषद के सूचना कार्यालय ने सात दिसम्बर को चीनी विदेश व्यापार के बारे श्वेत पत्र जारी किया । इस श्वेत पत्र में सुधार व खुलेद्वार , खासकर विश्व व्यापार संगठन में भागीदारी के पिछले दस सालों में विदेशों के साथ खले द्वार नीति अपनाकर समानता और पारस्परिक लाभ के आधार पर विश्व के विभिन्न देशों के साथ आर्थिक व व्यापारिक सहयोग की स्थिति से अवगत कराया गया । चीनी वाणिज्य मंत्रालय के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार वार्ता के उप वार्ताकार छुंग छ्वान ने इसी दिन राज्य परिषद के सूचना कार्यालय में हुई न्यूज ब्रीफिंग में कहा कि चीनी विदेश व्यापार के विकास से चीनी अर्थतंत्र विश्व अर्थतंत्र का एक भाग बन गया है , जिस से आर्थिक भूमंडलीकरण विश्व के विभिन्न देशों व क्षेत्रों की समान खुशहाली की दिशा की ओर बढ सके ।
पिछले तीसेक सालों में चीन ने खुली नीति के कार्यांवयन के जरिये विदेशी पूंजी व समुन्नत तकनीकों का आयात करने और अंदरूनी उद्योगों का सुधार करने में तेजी लायी है तथा अंतर्राष्ट्रीय बंटवारे व प्रतिस्पद्धा में विदेश व्यापार का बड़ा विकास कर दिया । चीनी मालों के आयात निर्यात में 1978 के 20 अरब 60 करोड़ अमरीकी डालर से बढ़कर 2010 के 29 खरब 74 अरब अमरीकी डालर तक पहुंच गया , जो औसत सालाना वृद्धि दर 16.8 प्रतिशत बनी है , इस से चीन लगातार दो सालों से विश्व माल व्यापार का प्रथम बड़ा निर्यातित देश और दूसरा बड़ा आयातित देश बना । चीनी वाणिज्य मंत्रालय के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार वार्ता के उप वार्ताकार छुंग छ्वान ने कहा कि चीन अब विश्व आर्थिक स्थिरता व वृद्धि का महत्वपूर्ण शक्ति बन गया है और भूमंडलीय आर्थिक पुनरुत्थान के लिये अहम योगदान कर चुका है ।
विश्व व्यापार संगठन में भागीदारी के पिछले दस सालों में विश्व व्यापार में चीन का अनुपात 4.3 प्रतिशत से बढ़कर 10.4 प्रतिशत हो गया है , जिस से विश्व में प्रथम बड़ा निर्यातित देश और दूसरा बड़ा आयातित देश बन गया । वाणिज्य मंत्रालय के प्रारम्भिक अनुमान के अनुसार आगामी पांच सालों में चीनी आयात का कुल मूल्य 80 खरब अमरीकी डालर तक पहुंच जायेगा । चीन ने विश्व आर्थिक स्थिरता और वृद्धि की अहम शक्ति का रुप लेकर विश्वव्यापी आर्थिक पुनरुत्थान के लिये महत्वपूर्ण योगदान कर दिया है ।
चीनी विदेश व्यापार के विकास से न सिर्फ चीनी आर्थिक आधुनिकीकरण और समग्र राष्ट्रीय शक्तियों को बढ़ावा मिला है , बल्कि चीनी अर्थतंत्र विश्व अर्थतंत्र का एक भाग भी बन गया है , जिस से आर्थिक भूमंडलीकरण विभिन्न देशों व क्षेत्रों की समान खुशहाली की दिशा में विकसित हो सके । श्वेत पत्र में कहा गया है कि 2001 से लेकर अब तक चीनी मालों का आयात पांच गुना बढ़ गया , औसत सालाना वृद्धि दर 20 प्रतिशत है , चीन ने अपने आयात के तेज विस्तार से विश्व आर्थिक वृद्धि की प्रमुख प्ररेक शक्ति का रुप धारण कर लिया है और व्यापार साझेदारों को आयात का विस्तार करने में विशाल बाजार गुंजाइश तैयार कर दिया है । छुंग छ्वान ने कहा कि चीनी आर्थिक विकास से विश्व के विभिन्न देशों को ठोस लाभ हुआ है ।
विश्व व्यापार संगठन में चीन की भागीदारी के पिछले दस सालों में चीन ने औसतन प्रतिवर्ष सात खरब 50 अरब अमरीकी डालर के मालों का आयात किया है , जो व्यापार साझेदारों के लिये तैयार एक करोड़ 40 लाख से अधिक रोजगारों के बराबर है । चीन में पूंजी लगाने वाले विदेशी उपक्रमों ने क्रमशः दो खरब 61 अरब 70 करोड़ अमरीकी डालर का मुनाफा कमाया है , जिस की औसत सालाना वृद्धि 30 प्रतिशत है । विदेशों में चीनी उपक्रमों ने 8 लाख से अधिक स्थानीय कर्मचारियों को रोजगार दिलाया है , हर वर्ष वहां पर दस अरब अमरीकी डालर से अधिक करों का भुगतान किया है ।
श्वेत पत्र में कहा गया है कि चीन का विदेश व्यापार का अनुकूल संतुलन करने का इरादा नहीं है , चीनी माल व्यापार का अनुकूल संतुलन मुख्यतः विदेशी पूंजी वाले उपक्रमों व प्रोसेसिंग व्यापार से हुआ है , विकसित देशों द्वारा कुछ हाई टेकों के व्यापार पर प्रतिबंध लगाये जाने से कुछ व्यापार साझेदारों के साथ चीन के व्यापार संतुलन पर प्रभाव भी पड़ा है ।
वर्तमान में चीन विदेश व्यापार के अनवरत विकास को मूर्त रुप देने में लगा हुआ है । श्वेत पत्र में कहा गया है कि चीन के विदेश व्यापार में असंतुलित , असम्वित और असतत समस्या अभी भी मौजूद है । चीन विदेश व्यापार के निरंतर विकास को साकार बनाने के लिये विदेश व्यापार के विकास फारमूले को बदलने में कदम उठा रहा है । छुंग छ्वान ने कहा विदेश व्यापार के विकास की बहुदेशीय प्रतिस्पर्द्धी श्रेष्ठता के जरिये विदेश व्यापार के विकास में उर्जा की किफायत व कम निकासी को बढावा दिया जायेगा , व्यापार से संबंधित बौद्धिक संपदा अधिकार के संरक्षण को मजबूत किया जायेगा और निर्यातित मालों की क्वालिटी व सुरक्षा उन्नत कर निर्यातित व आयातित कारोबारों का सामाजिक दायित्व बढाया जायेगा , ताकि विदेश व्यापार का निरंतर विकास साकार किया जा सके ।
श्वेत पत्र में जोर देकर कहा गया है कि वर्तमान अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संकट के प्रभाव तले भूमंडलीय आर्थिक ढांचे व व्यापार स्थिति को गहन रुप से समायोजित करने की जरूरत है । चीन खुली नीति पर कायम रहकर व्यापार साझेदारों के साथ विश्व अर्थतंत्र और व्यापार विकास के सामने मौजूद विविधतापूर्ण चुनौतियों का समान रुप से मुकाबला करने और समान खुशहाली और उभय जीत प्राप्त करने को तैयार है ।
नयी ऐतिहासित स्थिति में हम आर्थिक भूमंडलीकरण और क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण में गहन रुप से भाग लेंगे और विदेश व्यापार के वैज्ञानिक व अनवरत विकास और विभिन्न देशों के समान विकास व खुशहाली को मूर्त रुप देने की कोशिश कर देंगे ।