अफगानिस्तान के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन 5 दिसंबर को जर्मनी के बोन्न में आयोजित हुआ, जिसमें सौ देशों व अंतरराष्ट्रीय संगठनों के लगभग एक हजार प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। वर्तमान सम्मेलन के मुख्य मुद्दे हैं रक्षा ज़िम्मेदारियों का हस्तांतरण, अंतरराष्ट्रीय समुदाय की सहायता और तालिबान के साथ शांति वार्ता आदि। अफगानिस्तान की स्थिति को बिगड़ने से रोकने के लिए वर्तमान सम्मेलन में यह प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें विदेशी सेना के हटने के बाद भी उसे लगातार सैन्य व आर्थिक सहायता देने का वादा किया गया।
इस प्रस्ताव के अनुसार सम्मेलन में उपस्थित विभिन्न पक्ष अमेरिकी व नाटो सेना के वर्ष 2014 के अंत से पहले अफगानिस्तान से हटने के बाद 10 साल में अफगानिस्तान को सहायता देते रहेंगे, जिसमें सुरक्षा बलों को प्रशिक्षित करना, आर्थिक विकास में अफगानिस्तान को सहायता देना आदि शामिल हैं। इसके साथ साथ इस प्रस्ताव में समान जिम्मेदारी पर भी जोर दिया गया, यानी अफगानिस्तान को अनुरूप सुधार करना चाहिए, जिसमें भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ना, कानून का निर्माण शामिल हैं। उपस्थित विभिन्न पक्षों ने राजनीतिक वादे करते हुए सहायता की ठोस योजना नहीं बतायी।
चीनी विदेश मंत्री यांग च्हछी ने कहा कि चीन वास्तविक कार्रवाई से पुनर्निर्माण में अफगानिस्तान को सहायता देता रहेगा। इसके तहत संसाधनों के विकास, परिवहन, ऊर्जा, बुनियादी सुविधाओं के निर्माण में समर्थन देने के अलावा अफगानिस्तान में शांति, स्थिरता, स्वतंत्रता, विकास का लक्ष्य जल्द से जल्द हासिल करने में अपना योगदान देता रहेगा।
(मीनू)