अमेरिका और नाटो सेना के अफ़गानिस्तान से हटने के बाद भी अफ़गानिस्तान को 10 वर्षों तक सैन्य व आर्थिक सहायता देनी चाहिये, ताकि देश में स्थिरता की गारंटी हो सके। बोन्न में अफ़गान मुद्दे पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग ले रहे अफ़गान राष्ट्रपति हामिद करज़ई ने 4 दिसंबर को यह बात कही।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 के बाद के 10 वर्षों में अफ़गानिस्तान को सुरक्षा बलों के प्रशिक्षण, सैनिकों और पुलिस के साजो सामान को आगे बढ़ाने और राष्ट्रीय संगठनों की स्थापना में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की मदद की जरूरत होगी। साथ ही उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि तालिबान के खिलाफ़ लड़ाई में हार होने पर अफ़गानिस्तान की स्थिति "9.11"के पहले की तरह हो जाएगी।
गौरतलब है कि विश्व-भर के सौ से अधिक देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि 5 दिसंबर को बेन्न में अफ़गान मुद्दे पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। हालांकि अफ़गानिस्तान के महत्वपूर्ण पड़ोसी पाकिस्तान ने नाटो द्वारा उसकी सीमा चौकियों पर किए गए हमले के विरोध में इस सम्मेलन में हिस्सा लेने से इन्कार किया है। हमले में 24 पाकिस्तानी सौनिक मारे गए थे। वहीं करज़ई ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान के इस सम्मेलन में भाग न लेने से अफ़गानिस्तान की शांति वार्ता प्रगति और तालिबानी नेताओं के बीच वार्ता में गतिरोध पैदा होगा।
(रमेश)