16 सैन्य कथा--चाओ को बचाने के लिए वेई पर हमला

पो च्यु का युद्ध 柏举之战
सैन्य कहानी“बोच्यु के युद्ध”को चीनी भाषा में“पो च्यु च चान”(bó jǔ zhī zhàn) कहा जाता है। इसमें“पो च्यु”जगह का नाम है, जो आज मध्य चीन के हूपेई प्रांत के माछंग शहर में स्थित है। तीसरा शब्द“च”का अर्थ है का, जबकि चौथा शब्द“चान”का अर्थ है युद्ध या लड़ाई।
वु और छु दोनों ईसा पूर्व छठी शताब्दी के राज्य थे, चीन देश पर प्रभुत्व के लिए दोनों राज्यों के बीच ईसा पूर्व 584 से 514 तक के 70 सालों के भीतर क्रमशः दस से अधिक बड़े पैमाने वाले युद्ध चले। ईसा पूर्व 515 में वु राज्य के राजकुमार कोंगची क्वांग (gōng zǐ guāng) ने राज सत्ता छीन ली, जो ह-ल्यु (hé lǘ) के नाम से चीन के इतिहास में बहुत मशहूर है। ह-ल्यु के सत्ता मेंआने के बाद उसने चीन देश पर प्रभुत्व जमाने का संकल्प किया और इसके लिए राज्य की आर्थिक और सैनिक शक्तियों के विकास पर बल दिया। राजा ह-ल्यु ने तत्कालीन सुप्रसिद्ध सैन्य विशेषज्ञ सुन वु (sūn wǔ) को वु राज्य की सेना का सेनापति नियुक्त किया। परिणामस्वरूप वु राज्य की सैन्य शक्ति काफी बढ़ गई।
वहीं छु राज्य तत्कालीन दक्षिण चीन का सबसे बड़ा राज्य था। उसने कई स्थानीय राज्यों को परास्त कर हड़प लिया था। लेकिन ईसा पूर्व 516 में छु चाओ वांग (chǔ zhāo wáng) के गद्दी पर बैठने के बाद छु राज्य के भीतर प्रशासन भ्रष्ट और खराब होने लगा। उसके और अपने आसपास के थांग और छाई राज्यों के बीच कलह बढ़ता गया। इस तरह छु राज्य की शक्ति भी कमजोर हो गयी। ईसा पूर्व 512 में वु राज्य के राजा ह-ल्यु ने छु राज्य के अधीनस्थ श्यु(xú) और चोंग-वु (zhōng wú) राज्यों को हड़प कर छु राज्य पर हमला बोलने की योजना भी बनायी।
लेकिन वु राज्य के सेनापति सुन वु का मत था कि छु राज्य की भूमि वु से कहीं अधिक बड़ी है, जनसंख्या भी वु से ज्यादा है, राज्य की शक्ति कमज़ोर लगती है लेकिन सैन्य ताकत अभी मजबूत है। वु सेना ने वर्षों तक युद्ध किया है और सैनिक शक्ति काफ़ी खर्च हुई, इसलिए अच्छे मौके का इंतजार करना चाहिए। सेनापति सुन वु ने राजा को सेना की तीन टुकड़ियां गठित कर बारी-बारी से छु सेना को परेशान करने की नीति अपनाने की सलाह दी।
पो च्यु का युद्ध 柏举之战
वु राजा ह-ल्यु ने सुन वु की नीति मान ली और हर एक अंतराल में वु सेना की एक टुकड़ी को छु सीमा के भीतर आकस्मिक प्रहार करने भेजा। छु राज्य के राजा छु चाओवांग दुश्मन की स्थिति से अज्ञात था। उसने हर युद्ध के लिए बड़ी सेना भेजी, लेकिन जब छु सेना वु राज्य की सेना के नजदीक पहुंची, तो वु सेना फिर अपनी सीमा में हट गई। छु सेना को भी सीमा से हटना पड़ा। थोड़े समय के बाद वु सेना की दूसरी टुकड़ी फिर आ पहुंची, छु सेना भी दोबारा युद्ध के लिए रवाना की गई। इस तरह वु सेना ने छह सालों तक छु राज्य को परेशानी में डाला, जिससे छु राज्य की शक्ति बहुत खर्च हुई और सेना को भी थकान भी हो गई।
ईसा पूर्व 506 में वु राज्य की सेना ने समझा कि अब छु राज्य पर हमला बोलने का असली मौका आ चुका है। छु राज्य की सैन्य शक्ति अभी वु से कहीं अधिक है। अतः वु सेना के सेनापति सुन वु ने त्वरित हमले की रणनीति अपनाने का निश्चय किया। उसने कई हजार सशक्त सैनिक चुन कर वेग मार्च से छु राज्य की सीमा तक भेजे।
जल्दबाजी में छु राजा छु चाओवांग ने सेनापति ची-छांग (zǐ cháng) और शन यिनशु (shěn yǐn shù) को राज्य की पूरी सेना लेकर वु सेना के आक्रमण के मुकाबले के लिए भेजा। दोनों पक्षों के बीच पो च्यु नाम के स्थान पर निर्णायक युद्ध चला। छु सेना के शन यिनशु ने सुझाव दिया कि ची-छांग छु सेना की मुख्य शक्ति का कमान कर सामने से वु सेना से मोर्चा ले, वह खुद आंशिक सैन्य शक्ति लेकर वु सेना के पीछे जाकर हमला करे, दोनों ओर से वु सेना को घेर में डाल कर उसका विनाश करे। ची-छांग ने यह सुझाव स्वीकार किया।
न जाने शन यिनशु की सेना रवाना होने के बाद ची-छांग को अपने अधीनस्थ अफ़सर की बातों में आकर क्या डर लगा कि युद्ध में कहीं शन यिनशु का योगदान अपने से बड़ा तो साबित न हो जाय। अतः उसने युद्ध की पूर्व योजना त्याग कर बिना पूर्ण तैयारी के अकेले वु सेना पर हमला बोला। इस तरह उसे सुन वु की सेना से भारी हार खानी पड़ी। शन यिनशु खबर पाकर हारी हुई छु सेना को बचाने के लिए वापस लौटा, लेकिन उसकी सेना वु सेना से चारों ओर घेर ली गई। घेराबंदी को तोड़ने की आशा हाथ से निकलने पर शन यिनशु ने अपने आदमी को अपना सिर कटवाकर छु राजा तक रिपोर्ट देने भेजा। छु सेना की भारी हार की खबर पाने के बाद छु राजा मंत्रियों, अधिकारियों और प्रजा को छोड़ कर अपने कुछ नजदीकी लोगों के साथ भाग गया। इससे युद्ध में लड़ रही छु सेना का हौसला एकदम पस्त हो गया और समूची सेना खत्म हो गई। वु सेना ने छु की राजधानी पर कब्जा किया। अंत में छु राज्य के एक मंत्री की कोशिश से तत्कालीन सबसे शक्तिशाली राज्य छिन राज्य ने छु राज्य को बचाने के लिए वु राज्य पर हमला बोला, इसी के कारण वु सेना को छु राज्य की राजधानी से हटना पड़ा।
पो च्यु के युद्ध में वु सेना ने केवल तीस हजार सैनिकों की शक्ति से छु सेना के दो लाख सैनिकों को पूरी तरह पराजित कर एक बड़ी मिसाल कायम की।