032 असमान व्यवहार का कारण

पानी की बूंद पत्थर पर बना सकती है छेद 水滴石穿
"पानी की बूंद पत्थर पर छेद बना सकती है।"कहानी को चीनी भाषा में"शुई ती शी छ्वान"(shuǐ dī shí chuān) कहा जाता है। इसमें"शुई"का अर्थ है पानी,"ती"का अर्थ आम तौर पर पानी की बूंद कहा जाता है, यहां क्रिया शब्द के रूप में बूंद रिसने का प्रयोग किया जाता है। तीसरा शब्द"शी"का अर्थ है पत्थर और"छ्वान"का अर्थ काट देना। कुल मिलाकर कहा जाए, तो"शुई ती शी छ्वान"का अर्थ निकलता है बूंद-बूंद रिस कर पानी भी पत्थर को काट देता है।
चीन के सोंग राजवंश (वर्ष 960 से वर्ष 1279 तक) के समय, चांग क्वाईयान नाम का एक अफसर था। एक समय वह छोंग यांग नामक जिला के जिलाधीश रहा।
उस जमाने में समाज में एक बुरी प्रथा चल रही थी कि सेना में सिपाही सैन्य अफसरों तथा सरकारी विभागों में नौकरों को तंग कर सकते थे। चांग क्वाईयान को यह प्रथा बहुत खराब लगी और वह उसे दूर करने के लिए मौके का इंतजार करता रहा।
एक दिन, जब चांग क्वाईयान जिला पालिका की चारों ओर गश्त लगा रहा था, तो देखा कि निचले स्तर का एक नौकर घबराते हुए जिले के गोदाम से बाहर निकला। चांग क्वाईयान ने उसे रोका और उसके सिर पर पहनी टोपी में से एक सिक्का बरामद किया। पूछताछ में पता चला कि यह सिक्का उस नौकर द्वारा सरकारी गोदाम से चोरी कर लाया गया है।
चांग क्वाईयान उस नौकर को जिला दफ़तर में ले आया और उसने नौकर को जुर्म कबूलवाने के लिए पिटाई करने का आदेश दिया। नौकर अपनी गलती नहीं मान रहा था और बड़े क्रोधित लहजों में बोला:"महज एक ही तो सिक्का है। इसकी चोरी करना क्या अपराध हो सकता कि आप इसी तरह मेरी पिटाई करवा रहे है?क्या आप में मुझे जान से मारने का साहस है?"
नौकर के इस व्यवहार पर चांग क्वाईयान को बड़ा क्रोध आया। उसने सीधे मौत की सज़ा सुनाते हुए ये शब्द लिखे:एक दिन एक सिक्के की चोरी, हजार दिन हजार सिक्कों की। समय लम्बा रहते रस्सी से लकड़ी को दो टुकड़ों में काटा जा सकता है और पानी की बूंद से पत्थर पर छेद बनाया जा सकता है।
ये शब्द पढ़ने के बाद चांग क्वाईयान ने खुद तलवार उठाकर उस नौकर का वध कर दिया।