014 सांप का पैर

बीमारी के इलाज से परहेज का परिणाम 讳疾忌医
"बीमारी के इलाज से परहेज का परिणाम"नीति कथा को चीनी भाषा में"हुइ जी जी यी"(huì jí jì yī) इसमें"हुइ"का अर्थ है"परहेज करना"। दूसरे शब्द"जी"का उचारण दूसरे टॉन में है, इसका अर्थ है बीमारी, तीसरे शब्द"जी"का उच्चारण चौथे टॉन में है,जिसका अर्थ डरना है। अंतिम शब्द"यी"का अर्थ है इलाज। कुलमिलाकर कहा जाए, तो"हुइ जी जी यी"का अर्थ निकलता है इलाज के डर से अपनी बीमारी छिपना, या बीमारी के डर से डॉक्टर के यहां नहीं जाना।
सैंकड़ो वर्ष पहले, प्येन छ्युए (Bian Que) नाम का एक प्रसिद्ध चिकित्सक था। एक दिन वह छी राज्य वंश के राजा ह्वान-होउ से मिलने गया। राजा के हाव भाव गौर से देखने के बाद उसने कहा:"महाराज, आप बीमार पड़ चुके हैं, अभी बीमारी हल्की है, तुरंत इलाज करने से आप जल्दी ही ठीक हो जाएंगे।"
राजा ह्वान-होउ ने इनकार करते हुए कहा:"मुझे कोई बीमारी नहीं है, इलाज करने की कोई जरूरत नहीं है।"
प्येन छ्युए के चले जाने के बाद राजा ह्वान-होउ ने अपने मंत्रियों से कहा:"चिकित्सक ऐसे ही होते हैं, रोज़ लोगों को बीमारी से पीड़ित समझते हैं और उनका इलाज करने आ जाते हैं। वे इसी तरह अपना कथित असाधारण कौशल साबित करना चाहते हैं।"
दस बारह दिन गुजरने के बाद प्येन छ्युए फिर राजा ह्वान-होउ के पास गए। राजा का हाल चाल देखने के बाद चिंतित होकर कहा:"महाराज, आपकी बीमारी शरीर के अंदर फैलने लगी है, अब इसका इलाज करना बहुत जरूरी हो गया है।"
राजा ह्वान-होउ ने सिर हिलाते हुए कहा:"मुझे कोई भी बीमारी नहीं है। तुम वापस जा सकते हो।"
प्येन छ्युए के चले जाने के बाद राजा ह्वान-होउ को फिर गुस्सा आया। और दस बारह दिन गुजर गए। प्येन छ्युए फिर राजा ह्वान-होउ से मिलने पहुंचे। राजा के मुख का रंग देखकर बड़ी चिंता के साथ उन्होंने कहा:"महाराज, आपकी बीमारी अब पेट के भीतर फैल चुकी है, इलाज में विलंब नहीं होने देना चाहिए।"
राजा ह्वान-होउ ने अस्वीकृति में सिर हिलाते हुए कहा:"क्या बकवास करते हो?मुझे कहां से बीमारी हो गई?"
प्येन छ्युए फिर चले गए और ह्वान-होउ फिर गुस्सा हो गए।
तीसरी बार इसी तरह दस दिन गुजर गए। प्येन छ्युए फिर राजा से मिलने गये। राजा ह्वान-होउ की ओर एक नज़र डालने के बाद ही वह वापस लौट आए। इस पर ह्वान-होउ को बड़ा ताज्जुब हुआ और उसने अपने आदमी को कारण पूछने प्येन छ्युए के पास भेजा।
प्येन छ्युए ने जवाब में कहा:"बीमार पड़ना कोई खतरनाक बात नहीं है, खतरनाक बात यह है कि मरीज अपनी बीमारी से इनकार करता है और इलाज से परहेज करता है। बीमार पड़ने पर अगर समय रहते ही उसका इलाज कराया जाए, तो आम तौर पर वह ठीक हो जाएगा। जब बीमारी त्वचा के बीच हो, तो गर्म औषधि के लेप से ठीक हो सकती है, बीमारी मांस में हो, तो एक्युपंक्चर से ठीक की जा सकती है, बीमारी जब पेट में जब घुस जाए, तो दवा के सेवन से उसका इलाज किया जा सकता है। लेकिन अब राजा ह्वान-होउ की बीमारी हड्डी के अन्दर पैठ बना चुकी है, ऐसी हालत में उनका भाग्य तो भगवान की दुआ पर ही निर्भर है। मैं उनकी बीमारी का इलाज नहीं कर सकता हूँ।"
प्येन छ्यु की बात सच निकली, पांच दिन के बाद राजा ह्वान-होउ की बीमारी अचानक प्रकट हुई। राजा ने तुरंत प्येन छ्युए को बुलाने आदमी भेजा, लेकिन प्येन छ्युए अब तक दूसरे राज्य में जा चुके थे। इस तरह कुछ दिन के बाद राजा ह्वान-होउ का बीमारी के चलते देहांत हो गया।
"बीमारी के इलाज से परहेज का परिणाम"यानी चीनी भाषा में"हुइ जी जी यी"(huì jí jì yī) नाम की नीति कथा बताती है कि जैसा कि बीमार पड़ने पर इलाज से इनकार करने से जान खतरे में पड़ जाती है, वैसे ही हम से कोई ग़लती होने पर जल्दी ही उसे न सुधारने की ग़लती और गंभीर रूप ले सकती है। बीमारी और गलती को समय रहते ही दूर करना हमारे हित में होता है।