008 सुन्दरी की नकल

高阳造屋 काओ यांग का मकान
"काओ यांग का मकान"कहानी को चीनी भाषा में"काओ यांग चाओ वू"(gāo yáng zào wū) कहा जाता है। इसमें"काओ यांग"व्यक्ति का नाम है,"चाओ"का अर्थ है निर्माण करना, जबकि"वू"का अर्थ मकान है।
बहुत पहले की बात है, चीन में किसी जगह काओ यांग नाम का एक व्यक्ति रहता था, वह वाक पटु था, उसे खुद पर बहुत विश्वास रहता था और वह दूसरों की बातें नहीं मानता था।
एक बार काओ यांग के घर में नया मकान बनाया जा रहा था। जब उसने राजगीर से तुरंत काम शुरू करने को कहा, तो राजगीर ने उसे समझाया:
"अभी ठीक नहीं है, क्यों कि लकड़ी अभी पूरी तरह सूखी नहीं है, अगर गीली लकड़ी पर मिट्टी लगायी जाए, तो भारी होने की वजह से वह मुड़ जाएगी। नई-नई काटी हुई गीली लकड़ी से घर बनाने पर घर तो तैयार हो जाएगा, पर कुछ दिन के बाद मकान ढ़ह सकता है।"
राजगीर की बातों पर काओ यांग ने तुरंत कुतर्क करते हुए कहा:"तुम्हारे मुताबिक सोचा जाय, तो ऐसे मकान बिल्कुल नहीं ढहेगा, क्योंकि समय बीतने से लकड़ी सूख जाएगी, वह और भी मजबूत हो जाएगी, जबकि मिट्टी सूखने के बाद हल्की हो जाएगी, तब मजबूत लकड़ी पर हल्की मिट्टी लगने से मकान कैसे ढ़ह सकता।"
काओ यांग द्वारा कुतर्क किए जाने पर राजगीर कुछ नहीं बोला, उसने गुस्से में आकर तुरंत काम शुरू कर दिया। और जल्द ही नया मकान बनकर तैयार हो गया, देखने में बड़ा आलीशान भी था। किन्तु कुछ दिनों बाद मकान पर लगायी गई लकड़ियां मुड़ गयी, मकान भी खराब होकर ढह गया।
"काओ यांग का मकान"यानी"काओ यांग चाओ वू"(gāo yáng zào wū) कहता हैं कि वाकपटु लोग दूसरों के मुंह तो बन्द कर सकते हैं, लेकिन जब प्राकृतिक नियम का उल्लंघन कर काम करते हैं, तो जरूर असफल होते हैं। मकान बनाने का भी नियम होता है, उसका पालन नहीं किए जाने से मकान ढह सकता है। वैसे ही दूसरे काम करने का भी नियम होता है, उसका पालन करना चाहिए।