008 सुन्दरी की नकल

儿子和邻居 पुत्र और पड़ोसी
"पुत्र और पड़ोसी"नीति कथा को चीनी भाषा में"अर ची ह लिनच्यु"(ér zi hé lín jū) कहा जाता है, इसमें"अर ची"तो पुत्र है,"ह"का अर्थ है और, जबकि"लिन च्यु"का अर्थ पड़ोसी है।
प्राचीन काल में सुंग राज्य में एक अमीर व्यापारी रहता था। एक दिन भारी बारिश से उसके घर की दीवार का एक हिस्सा ढह गया।
बारिश रुक जाने पर उसके पुत्र ने उससे कहा:"पिता जी, जल्दी से एक राजगीर(कारीगर) को बुलाकर दीवार को फिर से बनवा दीजिए, वरना चोर हमारे घर में घुसकर चोरी कर सकते हैं ।"
उसी दौरान पड़ोस के एक बुजुर्ग व्यक्ति ने भी अमीर को समझाया कि टूटी हुई दीवार जल्दी से ठीक करवा लेनी चाहिए। इस इलाके में चोर बहुत रहते हैं, दीवार टूट जाने वे आसानी से घर के अंदर घुस सकते हैं।
लेकिन उसी रात एक चोर दीवार के टूटे हुए भाग से अन्दर घुसा और बहुत सी मूल्यवान चीजें ले कर चला गया। इस घटना पर अमीर व्यापारी ने अपने पुत्र की तारीफ करते हुए कहा कि उसने घटना से पहले सही सुझाव दिया था। लेकिन एक बुजुर्ग पड़ोसी ने भी दीवार बनवाने का सुझाव दिया था, उसे अमीर व्यापारी संदेह की नजर से देखने लगा, वह सोचता था कि कही वही पड़ोसी व्यक्ति चोर तो नहीं है।
"पुत्र और पड़ोसी"यानी"अर ची ह लिनच्यु"(ér zi hé lín jū) नाम की कहानी से हमें शिक्षा मिलती है कि एक ही चीज़ को दो विपरीत नजरिए या विपरीत दृष्टिकोण से देखना ठीक नहीं होता। वही सुझाव देने पर अमीर अपने पुत्र की तारीफ करता था, पर पड़ोसी को शंका के नजरिए से देखता था।