इस साल के 1 जुलाई को हांगकांग के चीन की मातृभूमि की गोद में वापस लौटने की 20वीं वर्षगांठ थी। यह चीनियों के लिए एक यादगार दिवस है। वर्ष 1840 के जून माह में बरतानिया ने चीन के खिलाफ अफ़ीम युद्ध छेड़ा। 26 जनवरी 1841 को ब्रिटेन ने हांगकांग पर कब्ज़ा किया। 29 अगस्त 1842 को छिंग सरकार ने विवश होकर ब्रिटेन के साथ अपमानजनक नानचिंग संधि पर हस्ताक्षर किया और हांगकांग को ब्रिटेन को सौंप दिया।
वर्ष 1982 के सितम्बर माह में तङ श्याओफींग ने ब्रिटिश प्रधान मंत्री मार्गरेट थैचर से मुलाकात के समय हांगकांग समस्या के समाधान के लिए एक देश दो व्यवस्थाएं वाला उपाय पेश किया। इस के मुताबिक चीन हांगकांग में एक देश दो व्यवस्थाएं वाली नीति लागू करेगा, हांगकांग वासियों द्वारा हांगकांग पर प्रशासन किया जाएगा, हांगकांग में उच्च स्वशासन लागू होगा। चीन ने हांगकांग की पूर्व पूंजीवादी व्यवस्था एवं जीवन तरीके को 50 सालों के लिए न बदलने का वचन दिया। अनेक बार के सलाह मश्विरे के बाद वर्ष 1984 के 19 दिसम्बर को चीन व ब्रिटेन के बीच समझौता संपन्न हुआ और चीन व ब्रिटेन के बीच हांगकांग समस्या के बारे में संयुक्त वक्तव्य पर हस्ताक्षर किया गया। दोनों पक्षों ने घोषणा की कि चीन सरकार पहली जुलाई 1997 को हांगकांग पर अपनी प्रभुसत्ता बहाल करेगी और ब्रिटेन हांगकांग को चीन को वापस देगा।
30 जून 1997 की आधी रात, चीन व ब्रिटेन दोनों देशों की सरकारों के बीच हांगकांग में सत्ता के हस्तांतरण की भव्य रस्म आयोजित हुई। पहली जुलाई के शुन्य बजे, चीन लोक गणराज्य एवं हांगकांग विशेष प्रशासनिक क्षेत्र के झंडे हांगकांग में फेहराए गए। चीन लोक गणराज्य के राष्ट्राध्यक्ष च्यांग ज़मीन ने हांगकांग कन्वेशन ऐंड एक्सिबिशन केंद्र में संजीदगी से घोषणा की कि चीन व ब्रिटेन के बीच हांगकांग समस्या के संयुक्त वक्तव्य के अनुसार, चीन ने हांगकांग पर अपनी प्रभुसत्ता बहाल कर ली है। चीन लोक गणराज्य के हांगकांग विशेष प्रशासनिक क्षेत्र की औपचारिक स्थापना हुई। हांगकांग विशेष प्रशासनिक क्षेत्र के प्रथम प्रमुख प्रशासक तुंग च्यानह्वा ने पद ग्रहण की शपथ ली।
हांगकांग में ब्रिटेन की डेढ़ सदी का औपनिवेशक शासन समाप्त हुआ है। हांगकांग आख़िरकार मातृभूमि की गोद में वापस लौटा है।