चीनी परंपरागत चिकित्सा के एक्यूपंक्चर के जर्मनी में आने के आरंभिक समय में कुछ जर्मन चिकित्सा और दवा संघों, दवाई की दुकानों के विरोध से एक्यूपंक्चर विदेश से आए एक उपचार के रूप में चिकित्सा बीमा में शामिल नहीं किया जा सका। इसका मतलब है कि एक्यूपंक्चर से इलाज लेने का सभी खर्च रोगियों को खुद ही देना पड़ता था। पर एक्यूपंक्चर का असर दिन-पर-दिन बढ़ता गया। और ज्यादा से ज्यादा रोगियों ने इसे स्वीकार किया है। साथ ही डॉक्टर स्चवानित्ज़, जो उस समय जर्मनी के एक्यूपंक्चर संघ की अध्यक्ष थी, तथा अन्य चीनी परंपरागत चिकित्सा का समर्थन देने वाले चिकित्सा अनुसंधान प्रतिष्ठानों की पूरी कोशिश और समर्थन से वर्ष 2007 से एक्यूपंक्चर को जर्मनी के सामाजिक चिकित्सा बीमा में शामिल किया गया। लोग एक्यूपंक्चर से कमर और घुटने के लंबे समय से होने वाले दर्द का इलाज कर सकते हैं। डॉक्टर स्चवानित्ज़ ने कहा कि,कुछ उद्योग कमेटियों ने यह नहीं चाहा कि लोग एक्यूपंक्चर से सिर के दर्द का इलाज करवाएं। क्योंकि वे पश्चिमी दवा को बेचना चाहते हैं। इसलिये चीनी परंपरागत चिकित्सा को जर्मनी के चिकित्सा बीमा में शामिल करना एक बहुत मुश्किल बात है। इसके लिये हमने कई सालों तक कोशिश की।
हाल के कई वर्षों में एक्यूपंक्चर जर्मनी में दिन-पर-दिन लोकप्रिय बनते जा रहा है। एक आंकड़े के अनुसार जर्मनी में लगभग 50 हजार डॉक्टर चीनी परंपरागत चिकित्सा से इलाज करते हैं। हर साल लगभग 20 लाख रोगी एक्यूपंक्चर का इलाज स्वीकार करते हैं। जर्मनी के यूरोपीय चीनी परंपरागत चिकित्सा कॉलेज के प्रधान ल्यू चिन ने कहा कि चीनी परंपरागत चिकित्सा का एक्यूपंक्चर जर्मनी में स्थिरता के साथ तेज़ी से विकसित हो रहा है। यह डॉक्टर स्चवानित्ज़ जैसे स्थानीय डॉक्टरों की कोशिश से अलग नहीं है। ल्यू चिन ने कहा,उनके द्वारा जर्मनी में चीनी परंपरागत चिकित्सा के विकास के लिये की गयी कोशिशों के बिना हाल के कई वर्षों में चीनी परंपरागत चिकित्सा और एक्यूपंक्चर का विकास इतनी तेज़ी से होने की संभावना नहीं होगी। यह भी असंभव है कि चीनी परंपरागत इलाज जर्मनी के चिकित्सा बीमा में शामिल किया जा सकता। ये सभी जर्मनी के एक्यूपंक्चर संघ की कोशिश का परिणाम है। उन्होंने जर्मनी में चीनी परंपरागत चिकित्सा के विकास के लिये बड़ा योगदान दिया है। इसलिये मैं सच्चे दिल से उनका धन्यवाद देता हूं। चीनी परंपरागत चिकित्सा के अंतर्राष्ट्रीय विकास के इतिहास में उनका एक अध्याय होना चाहिये।