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    034 लु पान के सामने कुठार कौशल दिखना
    2017-06-27 19:56:27 cri

     हिमपर्वत टिकाऊ नहीं 冰山难靠

    तीसरी कहानी का शीर्षक है:"हिम पर्वत टिकाऊ नहीं", इसे चीनी भाषा में"पिंग शान नान खाओ"(bīng shān nán kào) कहा जाता है। इसमें"पिंग शान" हिम पर्वत है, जबकि"नान"का अर्थ है मुश्किल होना या कठिन होना और"खाओ"का अर्थ है भरोसा करना या निर्भर करना।

    हिमपर्वत टिकाऊ नहीं है, शीर्षक कहानी का चीन के प्रसिद्ध एतिहासिक ग्रंथ--एतिहासिक शिक्षा में वर्णन है।

    आज से एक हजार तीन सौ साल पहले चीन के थांग राजवंश (यानी वर्ष 618 से वर्ष 907 तक के समय) के दौर में, सम्राट थांग श्वानचोंग(Tang Xuanzong) की रानी यांग य्वुहुआन(Yang yuhuan) बहुत सुन्दर और आकर्षक थी। सम्राट श्वानचोंग उसे बहुत-बहुत प्यार करता था और यह प्यार इतना तक पहुंचा कि रानी के माइके के सभी लोगों को पदाधिकार दिया गया।

    रानी का बड़ा भाई यांग क्वोचोंग (Yang Guozhong) बहनोई सम्राट के एहसान से राज्य के प्रधानमंत्री के पद पर नियुक्त हो गया। उसके अधीन दरबार के चालीस विभागों के अधिकार भी थे। उनका अधिकार इस सीमा तक पहुंचा कि राज्य के लगभग सभी पदाधिकारियों की नियुक्ति उसी के घर में उसी के कहने पर तय की जाती थी। इसलिए राज्य के जो लोग अधिकारी बनने के लोभी हो और पदोन्नति पाने की चाह में हों, यांग क्वोचोंग के पास जाते थे। उसकी खुशामद करते थे और रिश्वत देते थे।

    उस समय, पश्चिमी उत्तर चीन के शान्नशी प्रांत (Shaanxi) में चांग थ्वान (Zhang Tuan) नाम का एक विद्वान था। सरकारी परीक्षा में वह उत्तीर्ण तो हो गया। लेकिन मौका हाथ न लगने के कारण उसे नियुक्ति नहीं मिल पायी। उसके मित्रों ने उसे समझा कर सुझाव दिया कि वह भी औरों की तरह प्रधानमंत्री यांग क्वोचोंग के पास जाए और उससे औहदा मांगे। लेकिन चांग थ्वान ने मित्रों का सुझाव नहीं माना और कहा:"आप लोग समझते हैं कि यांग क्वोचोंग बड़े शक्तिशाली हैं और वह थाई पर्वत की तरह मजबूत हैं, लेकिन मेरी नज़र में वह सिर्फ़ एक हिम पर्वत ही हैं। जब कभी राज्य में कोई गड़बड़ी मची और राजनीतिक उथल-पुथल हुई, तो वह उसी तरह पतित हो जाएगा, जिस तरह सूर्य निकलने पर उसकी तेज़ धूप में हिम पर्वत पिघल जाए और पूरी तरह खत्म हो जाए। तभी आप लोगों का यह सहारा भी खत्म हो जाएगा।"

    चांग थ्वान की बात सच निकली। कुछ साल बाद थांग राजवंश के एक ताकतवर सेनापति आन लुशान ने विद्रोह किया। उसकी सेना राज्य की राजधानी छांगआन तक आ पहुंची। भयभीत होकर सम्राट श्वानचोंग अपनी रानियों और दरबारी अधिकारियों के साथ दूसरी जगह भाग गए। आज के दक्षिण पश्चिमी चीन के सछ्वान प्रांत की दिशा में भाग जाने के रास्ते में मा वेइफो (Ma Weipo) नाम की एक जगह पर दरबारी सुरक्षा बल ने राज्य के इस गंभीर संकट का दोषी प्रधानमंत्री यांग क्वोचोंग को माना और सम्राट को उसे और उसकी बहन यानी रानी यांग य्वुहुआन को मौत की सज़ा देने पर मजबूर कर दिया।

    दूरदर्शी विद्वान चांग थ्वान की भविष्यवाणी के आधार पर चीन में "हिमपर्वत टिकाऊ नहीं है"यह कहावत लोकप्रिय हो गयी। "हिम पर्वत टिकाऊ नहीं", इसे चीनी भाषा में"पिंग शान नान खाओ"(bīng shān nán kào) कहा जाता है। कहावत लोगों को यह शिक्षा देती है कि किसी भी बात की असलियत और दीर्घकालिक स्थिति समझनी चाहिए और उसके बाहरी आवरण से प्रभावित न हों।


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