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    034 लु पान के सामने कुठार कौशल दिखना
    2017-06-27 19:56:27 cri

    काम अधूरा छोड़ देना 半途而废

    दूसरी कहानी का शीर्षक है:"काम अधूरा छोड़ देना"। इसे चीनी भाषा में"पान थू अर फ़ेई"(bàn tú ér fèi) कहा जाता है। इस में"पान"का अर्थ है आधा, "थू"का अर्थ है रास्ता, जबकि"अर"एक बलरहित सहायक शब्द है, जिसका कोई वास्तविक अर्थ नहीं होता। चौथा शब्द"फ़ेई"का अर्थ है अधूरा होना। इस तरह"पान थू अर फ़ेई"का अर्थ निकलता है आधे रास्ते पर ही रुकना या छोड़ देना अधूरा होता है।

    आज से दो हजार वर्ष पहले, पूर्वी हान राजवंश में यानी ईंसवी 25 से वर्ष 220 के बीच, मध्य चीन के हनान प्रांत में एक सुशील स्त्री रहती थी। लोगों के बीच उसकी अपनी कोई पहचान नहीं थी, सभी लोग उसे ले यांगची (Le Yangzi) की पत्नी कहकर बुलाते थे।

    एक दिन, ले यांगची ने रास्ते में सोने की एक टुकड़ा पड़ा देखा और उसे घर लाया, उसकी पत्नी ने यह देखकर कहा:"मैंने सुना है कि कोई भी नेक डाकू 'डाकू का कुआं' नामक कुएं से पानी नहीं पीता , क्योंकि उसका नाम घृणा सूचक है। कोई भी महत्वाकांक्षी व्यक्ति अपने को भिखारी समझकर दिया गया खाना नहीं खाता है और भूखा मरने को तैयार रहता है। क्योंकि इस तरह अपमानित कर दिया गया खाना कलंक के समान है।"

    अपनी पत्नी की बातें सुनकर ले यांगची को बड़ी शर्म आयी, उसने बाहर जाकर वह सोने का टुकड़ा फेंक दिया। इसके बाद आगे शिक्षा पाने के लिए वह सुयोग्य गुरू की खोज में निकल गया।

    एक साल बीतने के बाद लो यांगची घर वापस लौटा। पत्नी ने उससे पूछा:"क्या आपकी शिक्षा पूरी हो गई?"

    ले यांगची ने नहीं में सिर हिलाया, तो पत्नी ने फिर पूछा:"शिक्षा पूरी नहीं हुई तो आप घर वापस क्यों लौटे?"

    ले यांगची ने जवाब में कहा:"मुझे तुम्हारी याद सता रही थी।"

    पति की बात सुनकर पत्नी एक कैंची ढूंढकर कपड़े बुनने वाली मशीन के पास गई। उसने पति को समझाते हुए कहा:"बुनाई की मशीन से एक-एक इंच का रेशमी धागा बुना जा रहा है। धागा एक इंच से फुट बनता है, फिर फुट से गज भर। अगर बीच में उसे काट दिया जाय, तो वह लम्बा धागा नहीं बन सकता। इसी तरह अगर आप अपनी शिक्षा बीच में छोड़ दोगे, तो इससे पहले की तुम्हारी मेहनत बेकार हो जाएगी और शिक्षा कभी पूरी नहीं हो सकेगी।"

    पत्नी ने आगे कहा:"ज्ञान का एक-एक टुकड़ा जुटाया जाता है। एक ज्ञान पाने के बाद दूसरी चीज़ सामने होती है, शिक्षा लेने की कोशिश कभी नहीं छोड़नी चाहिए। तभी आप ज्ञानी बन सकते हैं, वरना आप इस कटे हुए धागे की तरह बन जाएंगे।"

    पत्नी ने यह कहते हुए कैंची से धागे को दो टुकड़ों में काट कर दिखाया।

    पत्नी की बातों से प्रेरित होकर ले यांगची पुनः शिक्षा लेने चला गया और सात साल तक घर नहीं लौटा। कड़ी मेहनत के बाद अंत में वह एक मशहूर विद्वान बना।

    "काम अधूरा छोड़ देना"यानी चीनी भाषा में"पान थू अर फ़ेई"(bàn tú ér fèi) शीर्षक नीति कथा का मतलब बहुत साफ़ है, अगर किसी काम में सफलता पानी है , तो लगातार उससे करते रहना चाहिए।

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