श्रीलंका सरकार के अधीन कोलंबो बंदरगाह शहर के प्रबंधन विभाग के परियोजना निदेशक निहार फर्नांडो ने इसकी पुष्टि की कि प्राचीन समय से श्रीलंका सिल्क रोड का एक अहम हिस्सा रहा है। अब कोलंबो बंदरगाह परियोजना चीन के "एक पट्टी एक मार्ग" प्रस्ताव से जोड़ती है। यहां विकास का एक केंद्र बनेगा, जो "एक पट्टी एक मार्ग" प्रस्ताव से संबंधित अन्य देशों के विकास से भी जोड़ता है।
हालांकि बंदरगाह शहर की परियोजना से श्रीलंका और इसके पास के क्षेत्रों और पड़ोसी देशों को बड़ा लाभ मिला है। लेकिन इस परियोजना के कार्यान्वयन की प्रक्रिया सुचारू भी नहीं है। वर्ष 2015 के मार्च की शुरूआत में श्रीलंका की नई सरकार ने संबंधित स्वीकृति प्रक्रियाएं कम होने और पर्यावरण आंकलन करने की वजह से इस परियोजना को निलंबित कर दिया था। पिछले वर्ष के अगस्त में नए तीन पक्षीय समझौते संपन्न होने के बाद सितंबर में इस परियोजना की बहाली की गई।
इस परियोजना के बहाल होने के बाद निर्माण की प्रक्रिया सुचारु रूप से आगे बढ़ रही है। भविष्य में इस परियोजना से श्रीलंका के बुनियादी संस्थापनों के निर्माण को आगे बढ़ाया जाएगा और इसके साथ स्थानीय लोगों को 83 हजार नौकरियां दी जाएंगी।
कोलंबो बंदरगाह शहर के निर्माण की परियोजना पूरी होने के बाद कोलंबो दक्षिण-पूर्व एशिया, दक्षिण एशिया और मध्य-पूर्व से जोड़ने वाला महत्वपूर्ण आर्थिक केन्द्र बनेगा, जो श्रीलंका, यहां तक की पूरे दक्षिण एशिया के लिए महत्वपूर्ण है।
बंदरगाह शहर परियोजना कंपनी के महाप्रबंधक च्यांग होलियांग ने कहा कि बंदरगाह शहर का निर्माण एक निश्चित आकार तक पहुँच जाने के समय यह कहा जा सकता है कि यहां श्रीलंका का एक नया बिजनेस कार्ड है और यहां एक आधुनिक नया शहर होगा। श्रीलंका के लिए पूरे दक्षिण एशिया में यह एक अच्छा मौका है।
(वनिता)