चीनी लोग चायपान बहुत पसंद करते हैं और इसे दोस्तों व मेहमानों के सत्कार में भी पिलाते हैं। चाय चीनियों के जीवन की नितांत आवश्यक चीज़ है।चीन चाय का प्रथम उत्पादक देश है। प्राचीन काल में चाय औषध जड़ी बूटी के रूप में प्रयोग की जाती थी और आहिस्ते आहिस्ते इसे पेय का रूप दिया गया। चीन में चाय बनाने के भिन्न भिन्न तरीके से चाय हरित चाय, काली चाय, वुलोंग चाय, चमेली चाय, थुओ चाय(कटोरा आकार में बनायी गयी चाय) और ईंट चाय आदि में बंट जाती है, विभिन्न किस्मों वाली चाय की भिन्न-भिन्न श्रेणियां होती हैं।
हरी चाय में खमीरा प्रक्रिया नहीं होने के कारण उस के पत्ते ताजा और हरे हरे होते है, चेच्यांग प्रांत की राजधानी हांगचो स्थित पश्चिम झील में उत्पादित लोंगचिंग चाय, च्यांगसू प्रांत की पीलोछुन चाय, आनह्वेइ प्रांत में होंगशान पर्वत पर उगी माओफ़ङ चाय और इस प्रांत की ल्युआन कांउटी में उत्पादित ल्युआन क्वाफ्यान चाय हरी चाय की श्रेणी में अत्यंत मशहूर है।
काली चाय खमीरीकृत चाय है, इस के पानी का रंग लाल है। चीन में आनह्वेइ प्रांत की छिहोंग चाय और युन्नान प्रांत की त्यानहोंग चाय बहुत मशहूर काली चाय है।
वुलोंग चाय एक किस्म की अर्ध खमीरी चाय है। चाय की पत्ती बड़ी और मोटी है और चाय के पानी का रंग सुनहरा है। सब से अच्छी वुलोंग चाय दक्षिण चीन के फ़ूच्यान प्रांत के ऊयी पर्वत क्षेत्र में उत्पादित ऊयीयेन चाय है।
चमेली चाय चीन में एक विशेष प्रकार की चाय है। चाय के पत्तों में सुगंधित चमेली फूल शामिल होने के कारण पीने में महक महक निकलता है। सब से मशहूर चमेली चाय फ़ूच्यान प्रांत में उत्पादित चमेली चाय है।
थुओ चाय युन्नान और सछ्वान दो प्रांतों में उत्पादित होती है, चाय की पत्तियों को दबाकर प्रोसेसिंग करने से उस का आकार गोल स्टीम ब्रेड सा लगता है।
ईंट चाय का आकार ईंट नुमा है। यह मंगोल और तिब्बती जातीय लोगों की पसंदीदा चाय है।
चाय पीने से प्यास और थकान मिट जाती है और पाचन शक्ति बढ़ जाती है, साथ ही कई किस्मों के रोगों की रोकथाम की जा सकती है। लम्बे समय से चाय पीना स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होता है।