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    26 स्नाइप और सीप की लड़ाई का अंत 
    2017-05-02 19:36:20 cri

    ढोंगी व्यक्ति और कछुआ 再爬一回

    "ढोंगी व्यक्ति और कछुआ"कहानी को चीनी भाषा में"ज़ाइ फा यी हुई"(zài pá yī huí) कहा जात है।"ज़ाइ"का अर्थ है फिर से, और"फा"का अर्थ है रेंगना या पेट के बल चलना, जबकि"यी हुई"का अर्थ है एक बार।

    बहुत पहले की बात है। एक व्यक्ति बड़ा ढोंगी था, वह अक्सर दयालु होने का ढोंग करता था। एक दिन, उस आदमी ने एक कछुवा पकड़ा। वह कछुए को पका कर खाना चाहता था, क्योंकि वह जानता था कि कछुए का सूप स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। लेकिन वह यह नहीं चाहता था कि कछुए की हत्या का दोष उस पर पड़े। उसने बहुत सोचा और अंत में उसे एक तरकीब सूझी। उसने एक बड़े से बर्तन में पानी उबाला, फिर बर्तन के ऊपर पुल के रूप में एक पतली लकड़ी रख दी।

    उस आदमी ने कछुए से कहा:"हम दोनों एक शर्त लगाते हैं, यदि तुम इस लकड़ी के पुल को पार करने में सफल हो गए, तो मैं तुम्हें नदी में छोड़ दूंगा।"

    कछुए को आदमी की साजिश के बारे में पता था, लेकिन उसे अपनी जान भी बचानी थी, इसलिए उसने शर्त मान ली। वह पतली लकड़ी और उबले हुए पानी की गर्मी को बमुश्किल सहन कते हुए लकड़ी के दूसरे छोर पर जा पहुंचा। लेकिन ढोंगी व्यक्ति कछुए के शर्त जीतने पर बोला, "वाह, बड़ा करिश्मा कर दिया तुमने, सर्कस की रस्सी पर चलने का कौशल दिखाने की तरह तुमने

    इस पुल को पार किया। तुम एक बार फिर अपना यह कौशल दिखाओ।"

    "ढोंगी व्यक्ति और कछुआ"यानी चीनी भाषा में"ज़ाइ फा यी हुई"(zài pá yī huí) कहानी में वह आदमी कितना ढोंगी निकला, पहले कछुए का सूप पीना चाहता था, और ऊपर से अहिंसक होने का नाटक भी करने लगा।

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