दोस्तों, चीन में बहुत सारे लोग अपने बच्चों को तरह-तरह की कला का प्रशिक्षण लेने के लिये कक्षाओं में भेजते हैं। ताकि उनके बच्चे दूसरे बच्चों से अलग हो कर ज्यादा श्रेष्ठ बन सकें। लेकिन एंजल बाल कोरस के सौ से ज्यादा बच्चे एक ही आवाज़ में गाने को सीखने की कोशिश कर रहे हैं। इसकी चर्चा में कोरस की अध्यक्ष सोंग इंगफ़ांग ने बताया कि ,हमारी मांग यह है कि कोरस में मैं नहीं हूं, केवल हम होते हैं। हम बचपन से यह शिक्षा लेते हैं। हमारे बच्चे तो हमारी संपत्ति हैं। एक अच्छा अध्यापक बच्चों की जिन्दगी को बदल सकता है।
एंजल बाल कोरस की अध्यक्ष सोंग इंगफ़ांग को कोरस बहुत पसंद है। और एक कोरस की स्थापना करना उनका बचपन का सपना है। उन्होंने छै वर्ष की आयु में कोरस में प्रवेश किया था। उस समय उनकी अध्यापिका चीनी प्रसिद्ध कोरस कंडक्टर, चीनी कोरस संघ की उपाध्यक्ष प्रोफ़ेसर वू लिंगफ़ङ हैं। कई वर्षों के बाद उन्होंने पेइचिंग में एक प्रसिद्ध मीडिल स्कूल की संगीत कक्षा में पढ़ाई शुरु की। स्नातक होने के बाद वे एक संगीत की अध्यापिका बन गयीं। उनका जीवन अब कभी कोरस से अलग नहीं हो सकता।
उन्होंने कहा, मैं कोरस सीखते हुए बड़ी हुई हूं। इसलिये मुझे कोरस कला बहुत पसंद है। वास्तव में मेरा एक सपना है कि मुझे एक अपने कोरस की स्थापना करनी चाहिये। आशा है चीन में कोरस का प्रसार-प्रचार किया जा सकेगा, और ज्यादा से ज्यादा लोग कोरस कला को समझकर इसमें भाग लेंगे और इसका आनंद ले सकेंगे। मैं यह काम करना चाहती हूं। यह भी एंजल बाल कोरस की स्थापना का आरंभिक कारण ही है।
शिक्षा देने के दौरान सोंग इंगफ़ांग को पता चला कि वे स्कूल में कोरस की व्यवस्थित शिक्षा नहीं दे सकती हैं। इसलिये वर्ष 2011 में वे स्कूल से चली गईं। दो साथियों के साथ उन्होंने रोशनी एंजल कोरस की स्थापना की। क्योंकि उनके विचार में कोरस तो रोशनी और एंजल जैसी सुन्दर चीज़ है। बाद में वर्ष 2015 में इस कोरस का नाम एंजल बाल कोरस में बदला गया। गौरतलब है कि सोंग इंगफ़ांग के पति ली श्वेएलेई हमेशा से उनका दृढ़ समर्थन करते रहे हैं। ली ने दस साल से ज्यादा समय में चित्र बनाना सीखा है। उन्होंने सोंग के लिये कोरस का लोगो डिज़ाइन किया। कोरस की स्थापना से संचालन तक ली न सिर्फ़ सोंग के प्रिय पति हैं, बल्कि कोरस के विकास के डिज़ाइनर भी हैं। इसकी चर्चा में ली श्वेएलेई ने कहा,मैं एंजल बाल कोरस को एक प्रसिद्ध ब्रांड बनाना चाहता हूं। सच कहें तो मैं और फ़ांगफांग एक दूसरे के पूरक हैं। क्योंकि फ़ांगफ़ांग के दिमाग में बहुत सारे नये विचार हैं, साथ ही उनके काम करने की क्षमता भी बड़ी है। गाना गाने के बारे में मुझे कम जानकारी है। पर मैं कोरस के सामने मौजूद समस्याओं का समाधान करने और कोरस के विकास की दिशा निश्चित करने में उनकी मदद कर सकता हूं।
मुश्किल नये धन्धे खोलने में ज़रूर आती है। सोंग इंगफ़ांग भी मुश्किलों के पंजे से मुक्त नहीं होंगी। कोरस की शिक्षा देने के बाद केवल एक हफ्ते में कंडक्टर अप्रत्याशित कारण से कोरस से हट गये। जिससे सोंग के साथी बहुत निराश हुए, और वो यह काम छोड़ना चाहते थे। लेकिन सोंग इंगफ़ांग अपने पति के समर्थन के साथ इस काम को करती रहीं। उन्होंने कोरस के 40 बच्चों के अभिभावकों से फ़ोन किया और समझाया। अंत में केवल दस से ज्यादा विद्यार्थी कोरस में बचे रह गये हैं। सोंग ने उन्हें अच्छी शिक्षा देने के लिये बर्फ़ में कई घंटों तक प्रसिद्ध कंडक्टर प्रोफ़ेसर नी डानश्या का इंतजार किया। सोंग की कार्रवाई से कंडक्टर नी प्रभावित हुए। बाद में उन्होंने एंजल बाल कोरस की कक्षा में प्रवेश किया।
वर्ष 2012 में सोंग इंगफ़ान ने कोरस के छोटे सदस्यों के लिये पहला संगीत वीडियो शूट किया। आश्चर्य की बात यह है कि इस संगीत वीडियो से बच्चों को पहली बार औपचारिक रूप से प्रदर्शन करने का मौका मिला। मंच पर प्रदर्शन कर रहे बच्चों को देखते ही सोंग के मन में यह उत्सुकता पैदा हुई कि कब इस कोरस के सदस्यों की संख्या 50 से 100 तक पहुंचेगी। सौभाग्य है कि उनका यह सपना केवल दो वर्ष बाद पूरा हो गया। वर्ष 2014 में सोंग इंगफ़ांग कोरस के एक सौ सदस्यों को लेकर सीपीए के उद्घाटन समारोह के मंच पर आयीं। नी मोज्वुन नाम की लड़की कोरस की एक पुरानी सदस्य है। उसकी मां ने अपनी बेटी के बदलाव की चर्चा में कहा कि,कोरस में बच्ची की दृढ़ता और गीत गाने का कौशल बढ़ गया है। सच कहें, तो तीन घंटों का प्रशिक्षण बच्चों के लिये बहुत लंबा है। लेकिन वह कायम कर सकती है। यह दृढ़ता भविष्य में अन्य काम करने के लिये भी लाभदायक होगी। इस दौरान अध्यापिका सोंग का धैर्य प्रशिक्षण बहुत महत्वपूर्ण है। हर बार बच्ची कोरस में जाने के लिये बहुत उत्सुक रहती है, क्योंकि वह गीत गाने से एक हफ्ते का दबाव हटा सकती है।