रूस में लंबी दौड़ पसंद करने वाला एक युवक है। कुछ समय पहले उसने फेसबुक पर मैसेज पोस्ट कर एक घोषणा की कि वह मॉस्को से पेइचिंग तक दौड़ेगा। साथ ही उसने लंबी दौड़ का शौक रखने वाले लोगों से उसके दल में शामिल होने का आह्वान भी किया। मॉस्को और पेइचिंग की दूरी 8000 किलोमीटर है और दौड़ने में 200 दिन लगेंगे। फेसबुक पर उसका मैसेज पोस्ट होने के बाद सिर्फ एक रात में 2000 से ज्यादा लोगों ने उसके साथ मॉस्को के लाल चौक से दौड़ शुरू करने की बात कही।
अलेक्जेंडर कापेली नाम के इस युवक का जन्म 1981 में हुआ। उसे रूसी मीडिया द्वारा रूसी अगैम माना जाता है। मॉस्को से पेइचिंग तक दौड़ने की योजना बनाने से पहले ही अलेक्जेंडर कापेली काफी मशहूर हो गया है। इधर के सालों में उसने रूस के समेरा से मॉस्को तक अकेले ही 1500 किलोमीटर की दौड़ लगायी। लंबी दौड़ का शौकिन होने के नाते उसने इस व्यायाम को पर्यटन से जोड़ा और इंटरनेट पर लंबी पर्यटन की परियोजना शुरू की। दौड़ने की प्रक्रिया में वह दुनिया को जानने की कोशिश करता है। 2014 से 2016 तक उसने रूस के कुल 40 राज्यों में दौड़ लगाई और विशाल रूस को पार किया। मॉस्को से पेइचिंग तक दौड़ना उसके दिल में एक सपना है। इसके प्रति कापेली की खास रूचि क्यों है?
"मेरा जन्म सुदूर रूस के यहूदी स्वायत्त क्षेत्र में हुआ। सुदूर रूस से सटे चीन मेरे लिए बहुत स्नेहपूर्ण है। मैं चाहता हूं कि वह मैत्री का स्थानांतरण करने की यात्रा होगी। मैं चीन जाकर वहां के सुन्दर दृश्यों को देखना चाहूंगा, और ज्यादा से ज्यादा चीनी मित्रों से मिलना चाहूंगा और चीन के बारे में अधिकाधिक जानकारी लेना चाहूंगा।"
2017 की शुरूआत में कापेली को रूसी राष्ट्रपति के विशेष इनाम से नवाजा गया, जिसकी रकम राशि करीब 90 लाख रूबल है। इससे उसकी मॉस्को-पेइचिंग लंबी दौड़ की योजना के पैसे के लिए गारंटी मिल गई है। कुछ समय पहले उसने सोशल मीडिया पर ज्यादा से ज्यादा लोगों के इस चीन-रूस मैत्री यात्रा में भाग लेने का आह्वान किया। उसके आह्वान से विभिन्न स्थलों के लंबी दौड़ प्रेमियों की सक्रिय प्रतिक्रिया मिली। उसके अनुसार, "शुरू में हमने दौड़ने की एक प्रारंभ रस्म का आयोजन करने की योजना बनायी। लेकिन जब हमने इस आमंत्रण को इंटरनेट पर जारी किया, तो मॉस्को से मॉस्को राज्य के 2500 लोगों ने इस रस्म में भाग लेने की इच्छा प्रकट की। उनकी मेरे साथ दौड़ने की इच्छा है।"
लेकिन रूसी कानून के अनुसार 200 से ज्यादा लोगों की भागीदारी होने वाली गतिविधियों के लिए खास आवेदन देने की जरूरत है और सुरक्षा स्तर की भी उसी अनुसार उन्नति होगी। इससे उसे विवश होकर योजना बदलनी पड़ा और शहर के केंद्र में प्रारंभ रस्म रद्द कर दी। 4 मार्च की सुबह 11 बजे कापेली और उसके मित्रों ने मॉस्को म्युनिसिपल के सामने टॉवर चॉक आए। अनेक रूसी मीडिया संस्थाओं के पत्रकारों ने भी पहले ही वहां जाकर शूटिंग आदि की तैयारियां की। यहां धूमधाम रस्म नहीं है, सिर्फ मित्रों व परिवारजनों की बधाई थी। विदाई देने वाले लोगों में कापेली की पत्नी मरिया और उसके दो बेटे शामिल हैं। पत्नी मरिया ने कहा, "यह उसका सपना है, जिसके लिए उसने अनेक सालों से तैयारी की है। मैं उसे नहीं रोक सकती। आने वाले दिनों में मैं उसको मानसिक समर्थन दूंगी। लेकिन मैं थोड़ी चिंतित भी हूं। हालांकि इससे पहले उसके पास लंबी दौड़ का अनुभव है, फिर भी रास्ते में अनेक अप्रत्याशित घटनाएं घटित होने की संभावना रहती है। मुझे चिंता है कि यदि रास्ते में उसे कुछ दिक्कत या परेशानी झेलनी पड़ जाए तो उसकी पूरी योजना पर असर पड़ेगा। मैं उसे शुभकामनाएं देना चाहती हूं।"