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सपना- और मैं हूं आपकी दोस्त सपना
(Music)
अखिल- दोस्तों, हर बार की तरह आज के इस कार्यक्रम में होंगे दुनिया के कुछ अजब-गजब किस्से और करेंगे बातें हैरतंगेज़ कारनामों की.... इसी के साथ ही हम लेकर आये हैं मनोरंजन और मस्ती की सुपर डबल डोज, जिसमें होंगे चटपटे चुटकुले, ढेर सारी मस्ती, कहानी और खूब सारा फन और चलता रहेगा सिलसिला बॉलीवुड और चाइनिज गानों का भी।
(Music)
अखिल- चलिए दोस्तों, प्रोग्राम शुरू करने से पहले, हम सुनते हैं यह चीनी गीत।
सपना- चीनी गीत: 《मूलान•कौन कहता है कि महिला पुरुष से कम है》
(Chinese Song)
अखिल- वैल्कम बैक दोस्तों, आप सुन रहे हैं संडे के दिन, मस्ती भरा कार्यक्रम संडे की मस्ती Only on China Radio International
(Music)
अखिल- चलिए दोस्तों... आज हम आपको ले चलते हैं हमारे संडे स्पेशल की तरफ, जहां आज सपना जी पेश करेंगी एक विशेष रिपोर्ट
सपना की रिपोर्ट: महिलाओं को आर्थिक अधिकार देने पर जोर- संयुक्त राष्ट्र
https://hindi.cri.cn/1153/2017/03/10/1s210841.htm
अखिल- दोस्तों, यह था हमारा संडे स्पेशल। चलिए... दोस्तों, अभी हम चलते हैं अजीबोगरीब और चटपटी बातों की तरफ।
(Music)
अखिल- चलिए, अजीबोगरीब बातों के इस सेगमेंट में मैं आपको पहली खबर बताता हूं कि एक शख्स ने हाथ, पांव बांधकर की पांच किमी तैराकी, बनाया गिनीज रिकार्ड
दोस्तों, गिनीज रिकार्ड को लक्ष्य बनाकर तमिलनाडु के नगापट्टिनम में एक 19 वर्षीय छात्र ने लोहे की चेन से अपने हाथ और पांव बांधकर बंगाल की खाड़ी में पांच किमी तैराकी की. एस सबरीनाथन ने गुरूवार को यह दूरी दो घंटे, 20 मिनट और 48 सेकेंड में पूरी की. जिला खेल अधिकारी बी शिवा ने यह जानकारी दी.
इससे पहले का रिकार्ड 37 वर्षीय गोपाल खार्वी ने 2013 में कर्नाटक के उडुपी में माल्पे बीच पर बनाया था. तब उन्होंने हाथ और पांव बांधकर दो घंटे 43 मिनट में 3.07 किमी की दूरी पूरी की थी. शिवा ने बताया कि सबरीनाथ ने गिनीज समिति के दिशानिर्देशों के अनुरूप गिनीज रिकार्ड के लिये प्रयास किया.
इससे पहले उन्होंने जिला प्रशासन और पुलिस से पहले अनुमति ले ली थी. उन्होंने कहा कि सबरीनाथ के प्रयास का शुरू से लेकर आखिर तक वीडियो बनाया गया है और इसे गिनीज समिति के पास भेजा गया है.
सपना- चलिए दोस्तों, अजीबोगरीब और चटपटी बातों के इस क्रम में मैं आपको एक कुत्ते के बारे में बताती हूं जो हवाई जहाज से भी महंगा है
दोस्तों, आपने कई लोगों को देखा होगा जो कुत्ते पालने का शौक रखते है। कई कुत्तों की कीमत हजारों में होती है कईयों की लाखों रुपए होती है। लेकिन कभी आपने सुना है कि एक कुत्ते की कीमत में एक हवाई जहाज खरीदा जा सकता है। यह सुनकर आप जरूर हैरान हो गये होंगे कि एक कुत्ते की भी कीमत भला इतनी हो सकती है क्या, लेकिन दोस्तों, यह सच है। एक डॉग ऐसा है जिसका मूल्य 15 से 30 करोड रुपए है। इतनी बडी रकम से एक छोटा हवाई जहाज खरीदा जा सकता है।
राजस्थान की राजधानी जयपुर के दशहरा मैदान में एक डॉग शो का आयोजन किया गया। इस आयोजन में देश-विदेश की 40 ब्रीड के 200 से अधिक कुत्तों ने भाग लिया था। लेकिन सभी की नजरें तिबेतियन मस्टीफ ब्रीड के डॉग पर टिकी हुई थी।
इस ब्रीड की इंटरनेशनल मार्केट में कीमत 15 से 30 करोड़ है। 30 करोड़ में एक छोटा हवाई जहाज खरीदा जा सकते हैं। आपको बता दें कि शो में करोडों की कीमत वाला तिबेतियन मस्टीफ दिल्ली से आया था। इसे चीन में ऑक्शन के जरिए खरीदा जाता है। इस तिबेतियन मस्टीफ का जितना महंगा दाम है, उतना ही इसे रखना भी महंगा है। इसे 24 घंटे एसी में रखना होता है। इसके अलावा 15 दिन में स्पा करवाना होता है। इसका खाना जर्मनी से और बादाम ईरान से मंगवाए जाते हैं। इसका साइज 32 इंच होता है और वजन करीब 70 से 80 होता है।
अखिल- वाकई सपना जी, ये तो हैरान कर देने वाली बात बताई आपने। चलिए दोस्तों, अजीबोगरीब बातों के इस क्रम को आगे जारी रखते हुए बताता हूं 30 साल से चाय पीकर जिंदा है महिला, हैरान कर देगी वजह
दोस्तों, आपने अक्सर सुना होगा कि इंसान कई सालों तक पत्थर या कांच खाकर जिंदा रह गया। लेकिन कभी आपने सुना है कि कोई इंसान सिर्फ चाय पीकर जिंदा रह सकता है। वो भी एक-दो साल नहीं बल्कि 30 सालों तक। जी हां सुनकर आपको भले ही यकीन ना हो लेकिन ये हकीकत है। बिहार के हाजीपुर में रहने वाली एक महिला पिछले 30 सालों से सिर्फ चाय पर जिंदा है। आप इसे कुदरत का करिश्मा कहे या कुछ और लेकिन एक महिला ने अपने पति की मौत के बाद लगातार 30 साल तक अन्न जल त्याग दिया और केवल चाय पर अपने को जिंदा रखा। केवल चाय पर जिंदा रखने की इस मिसाल पर आसपास के लोग महिला को चाय वाली चाची और दादी के नाम से पुकारते हैं। हाजीपुर से महज 6 किलोमीटर की दूरी पर रामपुर नाम का एक गांव है।
आम गांव की तरह दिखने वाला गांव किरण देवी नाम की इस महिला की वजह से अचानक सुर्खियों में आ गया था। दरअसल करीब 30 साल पहले किरण देवी के पति उपेंद्र सिंह का देहांत हो गया था उसके बाद पति के मौत से किरण देवी इतनी दुखी हुई कि उनके वियोग में उन्होंने अन्न जल त्याग दिया। और चाय पीकर जीवन गुजारने लगी। इसे कुदरत का करिश्मा ही कहा जाएगा कि किरण देवी ने पति के वियोग में लगातार 30 सालों तक केवल चाय पर जिंदा रहने की मिशाल कायम की है।
सपना- चलिए दोस्तों, अजीबोगरीब और चटपटी बातों का यह सेगमेंट यहीं समाप्त होता है, चलिए... अभी हम सुनते हैं यह हिन्दी गाना...जैसा कि आज होली है, तो इस खास अवसर पर हम आपको एक होली का गाना बजाते हैं
(Hindi Song)
अखिल- दोस्तों, आपका एक बार फिर स्वागत है हमारे इस मजेदार कार्यक्रम संडे की मस्ती में... मैं हूं आपका दोस्त एन होस्ट अखिल।
सपना- और मैं हूं आपकी दोस्त सपना....
(Music)
सपना- चलिए दोस्तों, अभी हम अखिल जी से सुनते हैं एक प्रेरक कहानी। कहानी का शीर्षक है बादल और राजा – दो घोड़ों की कहानी
(Music)
अखिल- बादल अरबी नस्ल का एक शानदार घोड़ा था। वह अभी 1 साल का ही था और रोज अपने पिता– "राजा" के साथ ट्रैक पर जाता था। राजा घोड़ों की बाधा दौड़ का चैंपियन था और कई सालों से वह अपने मालिक को सर्वश्रेष्ठ घुड़सवार का खिताब दिला रहा था। बादल भी राजा की तरह बनना चाहता था, लेकिन इतनी ऊँची-ऊँची और कठिन बाधाओं को देखकर उसका मन छोटा हो जाता और वह सोचने लगता कि वह कभी अपने पिता की तरह नहीं बन पायेगा।
एक दिन जब राजा ने बादल को ट्रैक के किनारे उदास खड़े देखा तो बोला, "क्या हुआ बेटा? तुम इस तरह उदास क्यों खड़े हो?" "कुछ नहीं पिताजी, आज मैंने आपकी तरह उस पहली बाधा को कूदने का प्रयास किया लेकिन मैं मुंह के बल गिर पड़ा। मैं कभी आपकी तरह काबिल नहीं बन पाऊंगा।"
राजा बादल की बात समझ गया। अगले दिन सुबह-सुबह वह बादल को लेकर ट्रैक पर आया और एक लकड़ी के लट्ठ की तरफ इशारा करते हुए बोला- "चलो बादल, ज़रा उसे लट्ठ के ऊपर से कूद कर तो दिखाओ।"बादला हंसते हुए बोला, "क्या पिताजी, वो तो ज़मीन पे पड़ा है, उसे कूदने में क्या रखा है। मैं तो उन बाधाओं को कूदना चाहता हूँ जिन्हें आप कूदते हैं।"
"मैं जैसा कहता हूँ करो।" राजा ने लगभग डपटते हुए कहा। अगले ही क्षण बादल लकड़ी के लट्ठ की और दौड़ा और उसे कूद कर पार कर गया। "शाबाश! ऐसे ही बार-बार कूद कर दिखाओ!", राजा उसका उत्साह बढ़ाता रहा।
अगले दिन बादल उत्साहित था कि शायद आज उसे बड़ी बाधाओं को कूदने का मौका मिले पर राजा ने फिर उसी लट्ठ को कूदने का निर्देश दिया। करीब 1 हफ्ते ऐसे ही चलता रहा फिर उसके बाद राजा ने बादल से थोड़े और बड़े लट्ठ कूदने की प्रैक्टिस कराई। इस तरह हर हफ्ते थोड़ा-थोड़ा कर के बादल के कूदने की क्षमता बढ़ती गयी और एक दिन वो भी आ गया जब राजा उसे ट्रैक पर ले गया। महीनो बाद आज एक बार फिर बादल उसी बाधा के सामने खड़ा था जिस पर पिछली बार वह मुंह के बल गिर पड़ा था। बादल ने दौड़ना शुरू किया। उसके टापों की आवाज़ साफ़ सुनी जा सकती थी.. 1…2…3….जम्प….और बादल बाधा के उस पार था।
आज बादल की ख़ुशी का ठिकाना न था। आज उसे अन्दर से विश्वास हो गया कि एक दिन वो भी अपने पिता की तरह चैंपियन घोड़ा बन सकता है और इस विश्वास के बलबूते आगे चल कर बादल भी एक चैंपियन घोड़ा बना।
दोस्तों, बहुत से लोग सिर्फ इसलिए goals achieve नहीं कर पाते क्योंकि वो एक बड़े challenge या चुनौतियों को छोटे-छोटे चुनौतियों में divide नहीं कर पाते। इसलिए अगर आप भी अपने जीवन में एक champion बनना चाहते हैं, एक बड़ा लक्ष्य हासिल करना चाहते हैं तो systematically उसे पाने के लिए आगे बढ़िए। पहले छोटी-छोटी बाधाओं को पार करिए और ultimately उस बड़े goal को achieve कर अपना जीवन सफल बनाइये।
सपना- जी हां दोस्तों, जल्दी हार मत मानिए, बल्कि छोटे से शुरूआत करिए और प्रयास जारी रखिये। इस तरह आप उस लक्ष्य को भी प्राप्त कर पायेंगे जो आज असंभव लगता है। तो दोस्तों, ये थी अखिल जी द्वारा प्रस्तुत प्रेरक कहानी जिसका शीर्षक था बादल और राजा – दो घोड़ों की कहानी । चलिए दोस्तों, हर बार की तरह इस बार भी हम आपको नई रिलिज हिन्दी फिल्मों के बारे मे बताएंगे और फिल्म का प्रोमो भी सुनवाएंगे। हम आपको बताते हैं कि इस शुक्रवार रिलिज हुई है फिल्म "बद्रीनाथ की दुल्हनिया"
(Music)
अखिल- इस शुक्रवार को वरुण धवन और आलिया भट्ट की रोमांटिक फिल्म बद्रीनाथ की दुल्हनिया रिलिज हुई है। इस फिल्म के निर्देशक शशांक खैतान है और निर्माता करण जौहर, अपूर्व मेहता, मोहित मारवाह हैं। इस फिल्म की पृष्ठभूमि उत्तर प्रदेश की है जो बद्रीनाथ (वरुण धवन) और वैदेही त्रिवेदी (आलिया भट्ट) के प्रेम पर आधारित है। बद्रीनाथ एक साधारण सा लड़का है जो वैदेही से प्यार करता है और उससे शादी करना चाहता है। लेकिन वैदहीशादी में इतनी रूचि नहीं रखती है। इस फिल्म को एक तरह से 'हम्प्टी शर्मा की दुल्हनिया' का दूसरा हिस्सा माना जा रहा है। आइए... आपको इस फिल्म का प्रोमो सुनवाते हैं...
(Trailor- Badrinath ki Dulhaniya)
सपना- तो दोस्तों, यह था फिल्म 'बद्रीनाथ की दुल्हनिया' का ट्रेलर, चलिए हंसी-खुशी की डबल डोज देने के लिए हम हर बार की तरह इस बार भी आपके लिए लेकर आए हैं कुछ मजेदार जोक्स, जिन्हें सुनकर आप जरूर हो जाएंगे लोट-पोट... आइए.. सुनते हैं ये कुछ मजेदार जोक्स
(Music)
1. ससुर : आइए दामाद जी आज सुबह सुबह अचानक कैसे दर्शन दे दिए ??
दामाद : आपकी बेटी से झगड़ा हो गया था, वो बोली "जहन्नुम में जाओ", बस मैं आ गया (हंसी की आवाज)
2. एक आदमी ने फेसबुक पे स्टेटस डाला, "आज मैं छत पर सोऊँगा!" फिर क्या था, पन्द्रह मच्छरों ने लाइक कर दिया..!!! (हंसी की आवाज)
सपना- दोस्तों, अब जो अगला जोक पेश होने जा रहा है, उसे भेजा है हमारे श्रोता भाई सुरेश अग्रवाल जी ने। पेश है उनका भेजा हुआ जोक
अखिल- एक अमेरिकी वैज्ञानिक भारत घूमने गया। उसने वहां एक समोसा खाया। उसे बड़ा ही स्वादिष्ट लगा। खाने के बाद वो एक समौसा अमेरिका लेकर गया और वहां जाकर अपने बॉस को दिखाकर बोला, "सर! ये समोसा है, उपर से तो मैदा का बना है पर अंदर आलू कैसे भरा, पता नहीं?
उसकी बकवास सुनने के बाद बॉस ने उसे जमाकर एक चांटा मारा और अपने सूटकेस से एक जलेबी निकालकर बोला, "20 साल पहले जब मैं भारत गया था, तब मैंने ये जलेबी खाई थी। ऊपर से मैदा की है और अंदर चीनी कैसे घुसी आज तक पता नहीं लगा पाया और तू यहाँ एक और समस्या ले आया।" (हंसी की आवाज)
(Music)
अखिल- दोस्तों, अब हम आपसे विदा लेते हैं। अब हमारा जाने का वक्त हो चला है... अगले हफ्ते हम फिर लौटेंगे, इसी समय, इसी दिन अपनी मस्ती की पाठशाला लेकर। आप हमें लेटर लिखकर या ई-मेल के जरिए अपनी प्रतिक्रिया, चुटकुले, हंसी-मजाक, मजेदार शायरी, अजीबोगरीब किस्से या बातें भेज सकते हैं। हमारा पता है hindi@cri.com.cn। अभी के लिए मुझे और सपना जी को दीजिए इजाजत। गुड बॉय, नमस्ते।