लगातार काम न करें : वैज्ञानिकों ने इस जानलेवा निष्क्रियता को देखते हुए सलाह दी है कि कभी भी अपने कार्यालय में लगातार काम न करें और हर घंटे के बाद कम से कम पांच मिनट का ब्रेक लें और थोड़ी चहलकदमी करें।
निष्क्रियता भरी जिंदगी से मौत का खतरा : शोघ पत्रिका 'लांसे' में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार नौ से पांच बजे तक ऑफिर में काम करने की जीवनशैली में ढले लोग निष्क्रियता भरी जिंदगी बिताते हैं जिसके कारण उनकी असमय मौत का खतरा कई गुणा बढ़ जाता है।
रोज एक घंटे कसरत जरूरी : विशेषज्ञों की राय है कि जो लोग छह से आठ घंटे तक लगातार काम करते हैं, उन्हें हर घंटे कम से पांच मिनट का ब्रेक लेना ही चाहिए और हर दिन कम से कम एक घंटे कसरत करनी ही चाहिए।तेज चाल में चलने या साइकिल चलाना भी इस स्थिति में उतना ही लाभप्रद है।
घर लौटने पर लगातार टीवी न देखें : शोध के दौरान पाया गया कि निष्क्रियता भरी कार्यशैली को जीने वाले अधिकतर लोग घर लौटने पर कम से कम तीन घंटे टीवी देखते हैं जिससे उनका स्वास्थ्य और गिर जाता है। निष्क्रियता से हर साल होने वाली मौतें धूम्रपान और मोटापे के कारण होने वाली मौतों से कहीं अधिक है।
डेस्क जौब वालों के लिए पांच मिनट ब्रेक बेहद जरूरी : वरिष्ठ शोधकर्ता प्रोफेसर यू एकेलुंड का कहना है कि कई लोगों का काम ऐसा होता है कि उन्हें डेस्क पर ही काम करना होता है और वे उसे छोड़कर कहीं नहीं जा सकते। ऐसे लोगों के लिए पांच मिनट का ब्रेक बहुत जरूरी है।