अक्टूबर 2011 से 2016 के अंत तक छ्येई पाओलिन एवं फू चुंगक्वेई नामक एक चीनी वृद्ध दंपति ने सेल्फ पर्यटन किया। वे उत्तर चीन के मोह, दक्षिण चीन के हाईनान और पश्चिम चीन के शिनच्यांग एवं पूर्वी चीन के शांगहाई तक पहुंचे थे। उन्होंने करीब पूरे चीन की यात्रा की। उनकी चार नोटबुक पर डाक तारों के स्टेम्प भरे हुए हैं। पूरे एक बॉक्स में रेल टिकट और 70 जीबी से अधिक के फ़ोटो इस दंपति की यात्रा के सबूत हैं।
हाल ही में इस दंपति ने छह महीने आराम करने के बाद फिर से विश्व का दौरा करने की योजना बनायी। जबकि एक महीने पहले वे दोनों 5 साल की चीन यात्रा पूरा करके तेयांग स्थित अपने घर वापस लौटे थे।
शायद आप पूछेंगे कि क्या यह दंपति बहुत धनी हैं। जवाब हां नहीं है। उनके 5 साल की यात्रा में केवल 3 लाख चीनी युआन का खर्चा हुआ था। पति छ्येई पाओलिन ने कहा कि वे अपने अनुभव से और ज़्यादा वृद्धों को बताना चाहते हैं कि यदि स्वस्थ हो, तो बाहर जाकर देश के और ज्यादा दर्शनीय स्थलों को देखें। उन्होंने कहा कि वे अपने साथी के साथ यात्रा करते रहेंगे।
जब छ्येई पाओलिन युवावस्था में थे, तो वे इधर उधर घूमना पसंद करते थे। उन्होंने करीब पूरे युन्नान प्रांत का दौरा किया था। उन्होंने पत्रकार से कहा कि पिछले पांच सालों में चार सालों का वसंतोत्सव बाहर बिताते थे। त्यौहार के वक्त वे अपनी बेटी को फोन करते थे ताकि बेटी जान सके कि वे ठीक ठाक हैं।
छ्येई पाओलिन का जन्म 1940 में हुआ। पहले वे हेईलुंगच्यांग में खनिज ब्यूरो के मज़दूर थे। काम करते समय उनकी मूलाकात फू चुंगक्वेई से हुई। दोनों ने शादी की। 1993 में छ्येई पाओलिन रिटायर हो गये। लेकिन उन्हें घर में ठहरना पसंद नहीं है। 64 की उम्र में छ्येई पाओलिन ने साइकिल चलाकर पेइचिंग का दौरा करने की योजना बनायी। वे चाहते थे कि इस साइकिल यात्रा से अपने स्वास्थ्य एवं सहनशीलता का टेस्ट कर सकेंगे। लेकिन उनके परिवार के लोगों ने उन के इस निर्णय का समर्थन नहीं किया। उनकी पत्नी ने इस का विरोध किया। लेकिन छ्येई पाओलिन अपने निर्णय पर कायम रहे। उन्होंने रोज़ सुबह साढ़े पाँच बजे उठकर साइकिल चलाना शुरू किया। और रात के नौ बजे के बाद ही आराम करते थे। अंततः वे एक महीने से ज्यादा समय में साइकिल पेइचिंग पहुंचे। पेइचिंग पहुंचने के बाद वे कई महीनों में पेइचिंग में एक व्यक्ति के घर में रहे। वहां उन्होंने पूरे पेइचिंग का दौरा किया। अक्तूबर के अंत में वे अपने घर वापस लौटे। इस बार उनके वज़न में 10 से ज्यादा किलोग्राम की कटौती आयी है। लेकिन इसके बाद पर्यटन के प्रति उन की रुचि बढ़ती रही।
19 अप्रैल 2007 को छ्येई पाओलिन ने अपनी पत्नी के साथ चीन का दौरा करना शुरु किया। वे अपने जन्मस्थान के तेयांग से प्रस्थान होकर क्वांग युआन, ल्वो यांग और शी चा च्वांग से मो ह पहुंचे। फिर फ्लाइट से सान या पहुंचे। 20 हजार किलोमीटर घूमने के बाद 2008 के 9 मार्च को तेयांग वापस लौटे। इस बार की यात्रा से छ्येई पाओलिन की पत्नी के रुख में भी परिवर्तन आया है। वह भी बाहर घूमना पसंद करने लगी। 2011 के अक्तूबर माह में वे फिर एक बार तेयांग से रवाना हुए। इस बार उन्होंने 5 सालों में पूरे चीन का दौरा किया, यहां तक कि नेपाल, थाईलैंड व कंबोडिया की यात्रा भी की।
फू चुंगक्वेई ने पत्रकार से कहा कि उनके पति का एक वेस्ट है, जिसमें सभी टिकटें रखी जाती हैं। साथ ही छ्येई पाओलिन के पास 4 नोटबुक हैं, जहां पर डाक स्टैम्प लगाये जाते हैं। हर जगह जब छ्येई पाओलिन पहुंचते, तो वे उसी स्थल की रेल टिकटों एवं दर्शनीय स्थलों की टिकटों को याद के लिए बरकरार रखते हैं। साथ ही वे स्थानीय डाक घर जाकर कर्मचारियों से नोटबुक पर स्टैम्प लगवाते हैं। पिछले सालों में इस दंपति ने 3 कैमरों का इस्तेमाल किया और अनगिनत फोटो खींचे थे। दर्शनीय स्थलों की टिकटें व रेल टिकटें भी पूरे बॉक्स में भरी हुई हैं। ये चीज़ें छ्येई पाओलिन खजाने के रूप में बरकरार रखते हैं।
छ्येई पाओलिन ने कहा कि पर्यटन के जरिए उन्हें अनेक जानकारी मिली है और वे दोनों सुखमय जीवन को और मूल्यवान समझते हैं। उन के विचार में अब देश के आर्थिक विकास बहुत अच्छा है। उन के पास रिटायर पेंशन भी है। वे अपने बूढापन को और अच्छी तरह बिताएंगे।