शो स्विई का दूसरा नाम है"आओ न्येन"। इस प्रथा के अनुसार चीनी लोग पुराने साल की अंतिम रात में नहीं सोते हैं और जागते हुए नये साल का इंतज़ार करते हैं। चीनी लोग इसे"आओ ये"भी कहते हैं। इस प्रथा के बारे में एक दिलचस्प कहानी प्रचलित है।
आदि काल में एक खुंख्वार राक्षस था, जो घने जंगल में रहता था। लोग उसे"न्येन"कहते थे। उस का रूप डरावना था और स्वाभाव में क्रूर था जो विशेष तौर पर पक्षियों व जानवरों को खाना पसंद करता था। उस का स्वाद रोज बदलता था, शुरू शुरू में कीट खाने से अंत में मनुष्य का मांस चखाने तक आ पहुंचा था। हालत यहां तक आ गयी थी कि लोगों के चेहरे का रंग"न्येन"का नाम सुनते ही सफेद पड़ जाता था। लेकिन बाद में लोगों ने धीरे धीरे"न्येन"की गतिविधियों का नियम जान पाया। यानिकि"न्येन"हर 365 दिनों में एक बार मनुष्य की बस्ती जाकर आदमखोर करता था। इतना ही नहीं,"न्येन"आम तौर पर अंधेरे के बाद बाहर आता था और भोर फटते ही जंगल में वापस लौटता था।