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    वसंतोत्सव की प्रथा---छ्वुन ल्येन यानी वसंतोत्सव के शुभ सूचक सुलेखन चिपकाना
    2017-01-24 09:33:59 cri

    छ्वुन ल्येन वसंतोत्सव के शुभ सूचक सुलेखन का दूसरा नाम है, वह मन द्वेई(द्वार पर दोहा), छ्वुन थ्येई( वसंती सज्जा), द्वेई ल्येन( दोहा), द्वेई ज़(जोड़ी) और थाओफ़ू(बुराई निवारण आड़ू लकड़ी) आदि नामों से भी संबोधित किया जाता है। वह चीन का विशेष साहित्यिक खजाना है, जो सुनियोजित, अलंकृत, सुबोधित व उपमेय शैली में युग का चित्रण करता है और सुन्दर अभिलाषा प्रतिबिंबित करता है। वसंतोत्सव के मौके पर शहरों और गांवों दोनों में त्योहार का खुशगवार माहौल बढ़ाने के लिए घर घर में लाल कागज पर लिखित छ्वुन ल्येन लगाये जाते हैं। यह प्रथा चीन के सुंग राजकाल से शुरू होकर मिंग राजकाल में खूब प्रचलित हो गयी। छिंग राजवंश में छ्वुन ल्येन की विचारात्मक व कलात्मक गुणवत्ता में काफ़ी उन्नति हुई।

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